नवरात्रि का त्योहार वर्ष में चार बार मनाया जाता है. वर्ष की पहली नवरात्रि चैत्र माह में पड़ती है. जिसे चैत्र नवरात्रि बोलते हैं. जबकि दूसरी नवरात्रि आश्विन महीने में मनाई जाती है. जिसे शारदीय नवरात्र बोलते हैं. दो गुप्त नवरात्रि आषाढ़ तथा माघ के महीने में होते हैं. चतुर्थी तिथि की वृद्धि होने की वजह से इस बार आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 9 दिन की नहीं, बल्कि 10 दिनों की होगी. गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं (मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रुमावती, मां बंगलामुखी, मातंगी और कमला देवी) की साधना की जाती है। ज्योतिष शास्त्र में गुप्त नवरात्रि का महत्व बताते हुए कुछ गुप्त उपाय भी बताए गए हैं, इन उपायों के करने से सभी मनोकामना पूरी होती हैं तथा जीवन के सभी कष्ट मां आदिशक्ति की कृपा से दूर हो जाते हैं। ऐसे में आइये आपको बताते है गुप्त नवरात्री पर अपनाएं जाने वाले कुछ उपाय के बारे में...
इस उपाय से दूर होती है हर परेशानी
जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति के लिए नवरात्रि के चलते रात के वक़्त मां दुर्गा की पूजा कपूर लौंग से आरती करें तथा 'सब नार करहिं परस्पर प्रीति चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीति' मंत्र का 21 बार हर दिन जप करें। साथ ही प्रतिदिन भैरव बाबा के मंदिर में प्रार्थना करें। ऐसा करने से सभी अड़चन दूर होती हैं तथा सभी कार्य आहिस्ता-आहिस्ता बनने लग जाते हैं।
इस उपाय से घर में मां लक्ष्मी का होता है आगमन
गुप्त नवरात्रि के चलते 9 दिन तक हवन करें एवं घी में कमलगट्टों को भिगोकर दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हुए आहुति दें। नवरात्रि के आखिरी दिन यानी महानंदा नवमी तिथि के दिन नौ कन्याओं को घर में बुलाकर पूरी-सब्जी के साथ मखाने की खीर का भोग लगाएं तथा दक्षिणा देकर आशीर्वाद लें। ऐसा करने से मां दुर्गा का आशीर्वाद बना रहेगा तथा घर में लक्ष्मी का आगमन होगा।
139 दिनों तक उल्टी चाल चलेंगे शनि, इन राशियों पर आएगा संकट
इस बार घोड़े पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा, जानिए किस बात का है संकेत?
कब से शुरू होगी आषाढ़ गुप्त नवरात्रि? जानिए तिथि और घटस्थापना मुहूर्त