प्राचीन भारतीय आचार्य चाणक्य को उनकी बुद्धिमानी, नीतियों और ज्ञान के लिए जाना जाता है। चाणक्य ने नीतिशास्त्र और अर्थशास्त्र में कई महत्वपूर्ण बातें बताई हैं, जो आज भी प्रासंगिक हैं। चाणक्य नीति में उन्होंने कई ऐसे संदेश दिए हैं जो जीवन में मार्गदर्शन करते हैं। उनमें से एक नीति में चाणक्य ने बताया है कि कुछ प्राणियों को सोते समय जगाना हमारे लिए खतरनाक साबित हो सकता है। आइये जानते हैं, किन्हें नींद से नहीं उठाना चाहिए।
चाणक्य का श्लोक
"अहिं नृपं च शार्दूलं किटिं च बालकं तथा । परश्वानं च मूर्खं च सप्त सुप्तान् बोधयेत्"
इस श्लोक में चाणक्य कहते हैं कि सांप, राजा, शेर, चीता, बच्चा, दूसरे का कुत्ता और मूर्ख व्यक्ति—इन सातों को कभी भी गहरी नींद से नहीं उठाना चाहिए। ऐसा करना हमारे लिए खतरनाक हो सकता है।
क्यों नहीं उठाना चाहिए इन प्राणियों को?
1. सांप
अगर सांप को नींद से जगाया जाए तो वह आक्रामक हो सकता है। सांप की नींद से जागने पर वह सीधा हमला करने की कोशिश करता है। इसलिए सांप को सोते समय बिलकुल नहीं छेड़ना चाहिए, नहीं तो वह डंक मार सकता है।
2. राजा
चाणक्य कहते हैं कि बिना किसी जरूरी काम के राजा को नींद से नहीं उठाना चाहिए। इससे राजा क्रोधित हो सकता है और नाराज होकर सजा दे सकता है। राजा की नाराजगी से बचना ही समझदारी है।
3. शेर
सोते हुए शेर को कभी नहीं जगाना चाहिए। शेर बहुत ताकतवर और खतरनाक जानवर होता है। अगर उसे सोते से जगा दिया जाए तो वह तुरंत हमला कर सकता है। इसलिए शेर को उसकी नींद में खलल डालना जानलेवा हो सकता है।
4. छोटा बच्चा
सोते हुए बच्चे को भी नहीं उठाना चाहिए। बच्चे नींद में से उठते ही चिड़चिड़े हो जाते हैं और रोने-चिल्लाने लगते हैं। इस स्थिति में उन्हें शांत करना मुश्किल हो जाता है, इसलिए बच्चों को उनकी नींद पूरी करने देनी चाहिए।
5. दूसरे का कुत्ता
किसी अन्य व्यक्ति के कुत्ते को नींद से नहीं जगाना चाहिए। सोते हुए कुत्ते को उठाने पर वह काटने के लिए हमला कर सकता है। कुत्ते का व्यवहार अनिश्चित हो सकता है, इसलिए उसे आराम से सोने देना चाहिए।
6. मूर्ख व्यक्ति
मूर्ख व्यक्ति को नींद से उठाने पर वह गुस्से में झगड़ा कर सकता है। ऐसे लोगों को जरूरी न हो तो नींद से उठाना नहीं चाहिए।
7. डंक मारने वाले जीव-जंतु
जहरीले और डंक मारने वाले जीव-जंतुओं को भी सोते समय नहीं छेड़ना चाहिए। इनमें से कोई भी प्राणी जागते ही हमला कर सकता है, इसलिए उनसे दूरी बनाए रखना ही सुरक्षित है। चाणक्य की यह नीति बताती है कि हमें कुछ विशेष प्राणियों की नींद में हस्तक्षेप करने से बचना चाहिए। ऐसा करना हमें अनावश्यक परेशानी और खतरे में डाल सकता है। चाणक्य की ये बातें आज के जीवन में भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं जितनी उस समय थीं।
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