खारतूम: #JusticeForNoura ये एक मुहीम है उस बेबस लड़की को इंसाफ दिलाने के लिए जो समाज की कुरीतियों का शिकार होकर अपने सपनों को न जी सकी और आज जेल की चार दीवारियों के बीच लड़की होने की सजा भुगत रही है. नूरा हुसैन की शादी 16 साल से भी कम उम्र में उसकी मर्जी के खिलाफ उसके किसी रिश्ते के बही से कर दी जानी थी. नूरा के परिवार ने दूल्हे के परिवार के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट किया और शादी पक्की हो गई. नूरा टीचर बनना चाहती थी.
मामला सूडान में रहने वाली नूरा का है जो खुद के परिवार के जुल्मो का शिकार हुए है. नूरा ने इस शादी से इनकार कर दिया और भागकर पास के ही एक शहर में अपने रिश्तेदार के पास रहने चली गई. नूरा के मामले में शामिल ऐमनेस्टी इंटरनैश्नल और अन्य ऐक्टिविस्ट्स के मुताबिक, नूरा वहां तीन साल रही. बहलाफुसला कर नूरा को घर लाया गया और उसकी जबरदस्ती शादी करवाई गई. नूरा ने पति के साथ शारीरिक संबंध बनाने से इनकार किया तो उसके पति ने भाइयों की मदद से उसका बलात्कार किया .
नूरा के वकील ने बताया कि अगले दिन उसके पति ने दोबारा रेप करने की कोशिश की. नूरा ने किचन से एक चाकू लिया और पति को घोंप-घोंप कर मार दिया. नूरा की लीगल टीम ने इसे आत्मरक्षा के लिए किया गया कृत्य बताया लेकिन सूडान की कोर्ट ने इसे हत्या करार दिया. बीते महीने के आखिर में नूरा को कोर्ट ने पूर्वनियोजित हत्या का दोषी पाया. गुरुवार को कोर्ट ने नूरा को फांसी की सजा सुनाई. अब नूरा की लीगल टीम के पास इस सजा के खिलाफ अर्जी दायर करने के लिए महज 15 दिनों का समय है. नूरा मई 2017 से ही जेल में बंद है.
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