मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 नजदीक हैं, और इस बार राज्य में महाविकास अघाड़ी और महायुति के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। हालांकि, दोनों गठबंधनों ने अब तक मुख्यमंत्री के उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया है, लेकिन दोनों तरफ से इशारों में यह बात की जा रही है। इस बीच, एनसीपी-एससीपी के नेता शरद पवार ने महाराष्ट्र में महिला मुख्यमंत्री बनाने की इच्छा जताई है, जिससे राजनीतिक हलकों में बहस छिड़ गई है।
शरद पवार ने शिरुर तालुका के वडगांव रसाई में एनसीपी-एससीपी के उम्मीदवार अशोक पवार के लिए प्रचार करते हुए कहा कि महाराष्ट्र ने उनके कार्यकाल में महिलाओं के लिए 30 फीसदी आरक्षित पदों का ऐतिहासिक फैसला लिया था, जो पूरे देश में अपनाया गया। पवार ने आगे कहा कि अब वह महाराष्ट्र में एक महिला मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं। महाराष्ट्र विधानसभा के पिछले चुनावों में कुल 3,237 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा, जिनमें से 235 महिला उम्मीदवार थीं। इनमें से 24 महिलाएं ही जीत पाई थीं, लेकिन अब तक महाराष्ट्र में कोई महिला मुख्यमंत्री या डिप्टी सीएम नहीं बनी है। 1962 से 2019 तक करीब 1,685 महिलाओं ने चुनाव लड़ा, लेकिन उनमें से केवल 165 महिलाएं ही जीत सकीं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं को मुख्यमंत्री बनने के मौके तो बहुत दूर की बात है, उन्हें राज्य में बड़ा मंत्रालय भी नहीं सौंपा जाता। महिलाएं अक्सर मंत्रिमंडल में महिला और पर्यटन जैसे विभागों तक सीमित रहती हैं। कांग्रेस नेता यशोमति ठाकुर ने भी बताया कि महिलाओं को राजनीति में अपनी जगह बनाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था, तो उनकी तस्वीर को कभी भी किसी बैनर में जगह नहीं दी गई थी।
महाराष्ट्र में महिला मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चा करते समय एनसीपी-एससीपी से सुप्रिया सुले, भाजपा से पंकजा मुंडे, शिवसेना से रश्मि ठाकरे, और कांग्रेस से वर्षा गायकवाड़ या यशोमती ठाकुर का नाम प्रमुख रूप से लिया जाता है।
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