देश में गणतंत्र दिवस के मौके पर जहां राजपथ पर महिला सशक्तिकरण का दृश्य देखकर देशवासियों का सिर गर्व से ऊंचा हो गया, वहीं देश में महिलाओं और बच्चियों के साथ हो रहे अपराधों ने देश का सिर शर्म से झुका रखा है. प्रगति के रास्ते पर चलते देश को अभी भी कुछ मानसिक विकृतियों ने जकड़ रखा है, जिनमें से एक है दहेज प्रथा. दहेज के नाम पर आज भी बहुएँ बलि चढ़ती हैं. मामला हिमाचल के सोलन जिले का है जहां दहेज लोभियों की प्रताड़ना से दुखी महिला ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली.
मृतका के मायके वालों ने सुसराल पक्ष पर आरोप लगाया है कि उनकी दहेज की मांग और प्रताड़ना से तंग आकर उनकी बेटी यह कदम उठाने पर मजबूर हुई. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम पुलिस पूछताछ में पता लगा है कि मृतका का पति शराब के नशे में उससे रोज़ मारपीट किया करता था. यही नहीं, उसके ससुराल वाले भी उसे दहेज को लेकर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया करते थे.
मृतका के परिजनों ने बताया कि महिला और उसके पति में कुछ दिनों से विवाद हो रहा था और उसके पति और ससुरालवालों ने उसके साथ मारपीट भी की थी. इस वजह से महिला मानसिक रूप से बहुत तनाव में थी और इसीलिए उसने फांसी लगा ली. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
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