नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के यूपी भवन में यौन शोषण का मामला प्रकाश में आया है। एक महिला ने इल्जाम लगाते हुए कहा है कि दिल्ली स्थित यूपी भवन में उसका यौन शोषण हुआ है। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली पुलिस द्वारा केस दर्ज किए जाने के बाद कई अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। जबकि जिस कमरे यह घटना हुई उसको जांच के लिए पुलिस ने सील कर दिया है।
वहीं, इस मामले को लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपना लिया है। योगी सरकार की ओर से विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं। हालांकि, मामले की पड़ताल में जुटी दिल्ली पुलिस इस मामले में अधिक कुछ कहने से परहेज कर रही है। पुलिस के अनुसार, आरोपों को लेकर अभी छानबीन की जा रही है। वहीं, सूत्रों का कहना है कि आरोपी राज्यवर्धन सिंह परमार महाराणा प्रताप सेना नामक संगठन का राष्ट्रीय अध्यक्ष है। आरोपी व्यक्ति 26 मई को दोपहर सवा 12 बजे के आसपास महिला को लेकर यूपी भवन पहुंचा था। उसे एक रूम आवंटित किया गया। जिसके बाद 1.50 बजे वहां से रवाना हो गया। आरोपी ने एक अधिकारी को रूम दिलवाने के नाम पर कमरा देखने के लिए खुलवाया था।
सूत्रों ने बताया है कि, महिला के साथ यूपी भवन पहुंचने वाला व्यक्ति उस कैटेगरी में शामिल नहीं है, जिसे दिल्ली के यूपी भवन में रूम दिया जाए। अज्ञात महिला ने चाणक्यपुरी थाने में जाकर उस व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दी है और आरोप लगाते हुए कहा है कि उसका यौन शोषण किया गया है। इसके बाद चाणक्यपुरी स्थित यूपी भवन के रूम नंबर 122 को दिल्ली पुलिस ने सील कर दिया है। महिला ने आरोप लगाते हुए कहा है कि उसके साथ इस रूम में यौन शोषण हुआ है। महिला के चाणक्यपुरी थाने में शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी राजवर्धन सिंह परमार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
यूपी की योगी सरकार ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली के यूपी भवन में तैनात व्यवस्था अधिकारी दिनेश कारूष, राकेश चौधरी और पारस को निलंबित कर दिया है। आरोप है इन लोगों ने आरोपी को गलत तरीके से रूम दिखाया, जबकि वो यूपी भवन में कमरा बुक कराने का पात्र नहीं है।
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