इस्लामाबाद: पूर्व पाकिस्तानी कप्तान सईद अनवर महिला सशक्तिकरण और वित्तीय स्वतंत्रता के बारे में भड़काऊ टिप्पणी करने के बाद बड़े विवाद में फंस गए हैं। क्रिकेटर से मौलाना बने सईद अनवर ने नौकरी करने वाली महिलाओं पर अपने विचार व्यक्त कर इस्लाम में महिलाओं की स्थिति पर एक बार फिर से चर्चा छेड़ दी है।
Former Pakistani Cricketer Saeed Anwar says women working to earn money is the destruction of society. “I’ve travelled the world, just back from Europe. Youth are suffering, and families are in bad shape. Couples fighting. It’s so bad they’ve to make women work for money.”
— Imtiaz Mahmood (@ImtiazMadmood) May 15, 2024
~… pic.twitter.com/tAAkNbeiCG
इंटरनेट पर प्रसारित एक वायरल वीडियो में, सईद अनवर ने तलाक की दरों में वृद्धि पर अफसोस जताया है और इसके लिए महिलाओं की घर से बाहर काम करने और उनकी आर्थिक आज़ादी को जिम्मेदार ठहराया है। वीडियो में सईद अनवर कहते दिख रहे हैं कि, “मैंने दुनिया की यात्रा की है। मैं अभी ऑस्ट्रेलिया और यूरोप से लौटा हूं। बच्चे पीड़ित हैं और परिवार भयानक स्थिति में हैं। दंपत्ति लड़ रहे हैं। स्थिति इतनी खराब है कि उन्हें पैसे के लिए अपनी महिलाओं से काम कराना पड़ता है।''
सईद अनवर ने कई देशों के लोगों के अनुभवों का जिक्र किया, जो कथित तौर पर महिलाओं के नौकरियों में प्रवेश के कारण हुए सामाजिक पतन पर खेद व्यक्त करते थे। उन्होंने कहा कि, "न्यूजीलैंड की राष्ट्रीय पुरुष क्रिकेट टीम के कप्तान केन विलियमसन ने मुझे फोन करके पूछा, 'हमारा समाज कैसे बेहतर हो सकता है?' जब से हमारी महिलाएं कार्यबल में आई हैं, तब से हमारी संस्कृति नष्ट हो गई है।"
अनवर की टिप्पणियों को उनके पितृसत्तात्मक स्वर के लिए कठोर आलोचना मिली है। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने महिलाओं की आर्थिक आज़ादी और काम करने की क्षमता के महत्व पर जोर देते हुए उनके विचारों को पुराना और हानिकारक बताया। क्रिकेटर ने यह भी कहा कि, "जब से पाकिस्तान में महिलाओं ने काम करना शुरू किया है, पिछले तीन वर्षों में तलाक की दर तीस प्रतिशत बढ़ गई है।"
अनवर ने आगे कहा कि, “आजकल पत्नियाँ कहती हैं, भाड़ में जाओ तुम, मैं खुद कमा सकती हूँ। मैं अपने दम पर घर चला सकती हूं। यह एक पूरा गेम प्लान है। जब तक आपको मार्गदर्शन नहीं मिलेगा, आप इस गेम प्लान को नहीं समझ पाएंगे।'' अनवर ने महिलाओं की आर्थिक आज़ादी पर जोर देते हुए ये बात कही। पूर्व क्रिकेटर की टिप्पणियों ने न केवल सोशल मीडिया यूज़र्स को हैरान कर दिया, बल्कि लैंगिक समानता और अप्रचलित सामाजिक मानकों को तोड़ने के महत्व के बारे में बहस भी छेड़ दी। जबकि प्रमुख व्यक्तियों के ऐसे रूढ़िवादी दृष्टिकोण अक्सर होते हैं, वे तथ्यों और आंकड़ों की विकृतियों को बढ़ाने में भी योगदान देते हैं।
कुछ नेटिज़न्स ने ऐसी टिप्पणी करने के लिए पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर की आलोचना की। एक यूज़र ने लिखा कि “उनकी पुरानी मानसिकता प्रगति और समानता के लिए अपमानजनक है। यह भयावह है कि 2024 में भी, कोई अभी भी ऐसी पुरातन मान्यताओं से जुड़ा हुआ है, जो समाज में महिलाओं के योगदान को कमतर आंकता है। महिलाओं का काम करना कोई गेम प्लान नहीं है, यह सशक्तिकरण और आर्थिक जरूरत है।''
"अल्लाह ने मुसलमानों को जीने के लिए नहीं बनाया। उसने उन्हें मरने और जन्नत जाने के लिए पैदा किया"
— Modi Virodhi (@ModiKaVirodhi) August 27, 2022
: सईद अनवर, पाकिस्तानी पूर्व क्रिकेटर अब एक पूर्णकालिक दावा कार्यकर्ता। pic.twitter.com/Mm9uDpNoiz
एक अन्य यूजर ने लिखा कि, “तो यह आदमी अनिवार्य रूप से कह रहा है कि आपको महिलाओं को गुलाम बनाना चाहिए, उनके पंख कतर देना चाहिए, ताकि वे पालतू जानवरों की तरह सिर्फ पुरुषों की सेवा कर सकें। और ये कौन लोग हैं जो उनसे सलाह ले रहे हैं?” बता दें कि सईद अनवर ने 1989 से 2003 तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पाकिस्तान के लिए खेला। उन्होंने मुख्य रूप से टेस्ट और एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (ODI) दोनों प्रारूपों में सलामी बल्लेबाज के रूप में बल्लेबाजी की। लंबी बीमारी के कारण अपनी छोटी बेटी को खोने के बाद, उन्होंने क्रिकेट खेलना बंद कर दिया और मौलाना बन गए। वह 2003 विश्व कप के लिए लौटे, लेकिन बुरी तरह असफल होने के बाद अगले वर्ष अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। बता दें कि, इससे पहले एक वीडियो में अनवर ने दावा किया था कि, अल्लाह ने मुसलमानों को जीने के लिए नहीं बनाया है, बल्कि मरने और जन्नत जाने के लिए बनाया है।
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