काठमांडू। नेपाल की संसद द्वारा वर्षों पुरानी उस परंपरा को अपराध घोषित कर दिया जिसमें नेपाल के विभिन्न समुदायों में महिलाऐं मासिक धर्म के समय में घर में प्रवेश नहीं कर सकतीं। मान्यता है कि इस अवधि में महिलाओं को अपवित्र माना जाता है। इस प्रथा का नाम छौपदी रखा गया था। मगर अब संसद ने इस मामले में विधान पारित कर इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया।
गौरतलब है कि इस प्रथा के चलते दो महिलाओं की जान चली गई थी जबकि एक झोपड़ी में विश्राम कर रही किशोरी की मौत सर्पदंश से हो गई थी। यदि अब नेपाल में कहीं ऐसा किया जाएगा या महिलाओं को इस प्रथा को मानने के लिए बाध्य किया जाएगा तो फिर आरोपियों को 3 माह के जेल की सजा दी जाएगी। या फिर करीब 3 हजार नेपाली रूपए का जुर्माना दोषी को दिया जा सकेगा।
गौरतलब है कि नेपाल के विभिन्न समुदायों में महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान अपवित्र समझा जाता है और कुछ सुदूर इलाकों में उनको इस अवधि में घर से दूर एक झोपड़ी में रहने के लिए मजबूर किया जाता है।
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