महिलाए प्रसव को लेकर घबराए नहीं

महिलाए प्रसव को लेकर घबराए नहीं
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प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के मन में हर समय प्रसव के दर्द को ले कर चिंता रहती है. किन्तु आज साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है कि प्रसव से नहीं घबराना चाहिए. दर्द रहित प्रसव क्या है, प्रसव की प्रथम अवस्था हलके दर्द से प्रारंभ होती है. इस अवस्था में गर्भाशय का मुंह धीरे धीरे खुलता है. लगभग 10 सेंटीमीटर मुंह खुलता है. तभी बच्चे को बाहर निकलने का मार्ग मिलता है. प्रथम प्रसव में लगभग 12 से 16 घंटे और द्वितीय प्रसव में 8 से 12 घंटे लगते हैं.

इस दौरान होने वाला दर्द यूटेरस की मसल्स में होने वाले संकुचन के कारण होता है. जब यूटेरस का मुंह पूरा खुल जाता है तब बच्चा नीचे सरकना शुरू करता है. प्रसव की यह दोनों अवस्था अत्यंत पीड़ादायक होती है. कई महिलाएं यह दर्द आसानी से सहन कर लेती हैं, किन्तु कमजोर महिलाएं कई बार यह दर्द सहन नहीं कर पाती. इस कारण ऑपरेशन के द्वारा भी प्रसव किया जाता है.

प्रसव के दौरान दर्द से छुटकारा पाने के लिए दर्द निवारक और दर्दनाशक व इंजेक्शन पेथिडिन, डायजापाम, केटमिन, फोर्टविन आदि इंजेक्शन दर्द को कम करने में मदद करते है. इन दवाइयों से थोडी नींद भी आती है पर इन से कभी-कभी बच्चे को पहुंचने वाली आक्सीजन की मात्रा कम होने की आशंका रहती है. कई बार पेनकिलर के जरिये हंसाने वाली गैस महिला को सुंघाई जाती है. इससे एंटोनाक्स अपरेटस कहते हैं, इससे बच्चे पर कोई गलत असर नहीं पड़ता है और प्रसव सही तरीके से हो पाता है.

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