नई दिल्ली: शाहीन बाग़ में पिछले कई दिनों से नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी व एनपीआर के विरोध में शुक्रवार से राजधानी लखनऊ में शुरू हुआ महिलाओं का धरना रविवार को भी जारी रहा. महिलाएं भीषण ठंड में घंटाघर पर बच्चों के साथ बिना अलाव व टेंट के डटी रहीं. पार्क में महिला शौचालय बंद होने सहित अन्य समस्याओं के बाद भी महिलाएं पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. जंहा बीते रविवार यानी 19 जनवरी 2020 को घंटाघर पर सुबह महिलाओं की संख्या कम दिखी पर विरोध जारी रहा. हाथों में नो सीएए, नो एनआरसी, रिजेक्ट सीएए और बायकॉट एनआरसी जैसी नारे लिखी तख्तियां लिए महिलाएं विरोध करती दिखीं. दोपहर बाद महिलाओं की संख्या बढ़नी शुरू हुई तो घंटाघर के पास का इलाका भीड़ से भर गया.
सूत्रों से मिली जानकरी के अनुसार रात में ठंड से बचाव के साधन न होने के बावजूद महिलाएं देशभक्ति के नारों और राष्ट्रगीत के जरिये हौसला बांध रही हैं. प्रदर्शन में शामिल इरम व सुमैया राना का आरोप है कि पुलिस प्रदर्शन को कमजोर करने पर अड़ी है. कोई पुरुष इसका विरोध करता है तो उसे गिरफ्तार कर ले रही है. बीती रात सलीम नामक लड़के को पुलिस अपने साथ ले गई. उसे सुबह तक छोड़ा नहीं गया.
दिव्यांग दंपती भी हुए शामिल: वहीं यह भी कहा जा रहा है कि प्रदर्शन में शामिल होने के लिए रविवार को वजीरबाग के दिव्यांग दंपती मो. वसीम व उनकी पत्नी तरन्नुम वसीम अब्बास भी घंटाघर अपनी ट्राई साइकिल से पहुंचे. प्रदर्शन कर रही महिलाओं का उत्साह बढ़ाया.
पुलिसकर्मियों को बांटे गुलाब के फूल: आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर कंबल व खाने का सामान छीनने का आरोप लगाया. इसके विरोध में रविवार को प्रदर्शन में शामिल होने आई बच्चियों ने पुलिसकर्मियों को गुलाब के फूल देकर गांधीगीरी की.
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