नई दिल्ली: वह दिन दूर नहीं जब भारतीय सेना में महिला सैनिक भी सरहद पर दुश्मनों के साथ दो-दो हाथ करती नज़र आएँगी, यदि ऐसे नजारे दिखे तो अचरज मत करना, क्योंकि सेना प्रमुख ने इस बात की जानकारी दी है कि महिलाओं को सबसे पहले मिलिट्री पुलिस में तैनात किया जाएगा.
इस बारे में सेना प्रमुख बिपिन रावत ने मीडिया को बताया कि भारत भी जल्दी ही उन देशों में शामिल होगा, जहां महिलाएं पुरुषों के साथ बॉर्डर पर दुश्मनों से मोर्चा लेती हैं. जनरल रावत ने कहा कि महिलाओं को लड़ाकू भूमिका में लाने की प्रक्रिया पर तेजी से काम चल रहा है. जर्मनी, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, ब्रिटेन, डेनमार्क, इजरायल आदि देशों में महिला लडाकू सैनिक के तौर पर तैनात हैं. सेना प्रमुख के अनुसार भारतीय सेना में महिलाएं चिकित्सा, शिक्षा, कानून तथा इंजीनियरिंग जैसे विभागों में तैनात होती हैं. लेकिन पहली बार लड़ाकू भूमिका में शामिल होंगी . स्मरण रहे कि पिछले साल ही भारतीय वायु सेना ने तीन महिलाओं को फाइटर पायलट के तौर पर तैनात करने का कीर्तिमान बनाया था.
उल्लेखनीय है कि इस मौके पर सेना प्रमुख ने रक्षा उत्पादन में अग्रणी निजी कंपनियों को शामिल करने को अहम कदम बताते हुए कहा कि इस नए मॉडल से सेना के आधुनिकीकरण की योजना की गति तेज होगी क्योंकि इससे नई तकनीक आएंगी और सेना की मुख्य परियोजनाओं के क्रियान्वयन में मदद मिलेगी. इसके लिए उन्होंने अमेरिका से हाल ही में पहुंची दो हल्की होवित्जर तोपों को लाए जाने के साथ डीआरडीओ द्वारा तैयार 155 एमएम की तोप धनुष की मिसाल दी.
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