चंडीगढ़: हरियाणा के नारनौल सिविल अस्पताल में गर्भवाती महिलाओं के कैंप में महिलाओं ने हल्ला मचाना शुरू कर दिया। महिलाओं का इल्जाम था कि कर्मी अपने जानकारों के नंबर लगवा रहे हैं जबकि वह घंटों से प्रतीक्षा कर रहे थे। महिलाएं सिविल सर्जन से मुलाकात की। उसके उपरांत डॉक्टरों ने पहुंचकर उन्हें शांत भी करवा दिया। लगभग दो घंटे तक हंगामा चलता रहा। एमएस डॉ केएम शर्मा ने बुधवार से सभी कैंप में अलग व्यवस्था करने का आदेश दे डाला। महिलाओं के लिए अलग से टेंट और 50 कुर्सीयों की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर माह की 9 व 10 तारीख को सिविल हॉस्पिटल में गर्भवती महिलाओं के लिए निशुल्क कैंप का आयोजन किया जाता है। कैंप में गर्भवती महिलाओं के विभिन्न प्रकार की जांच व अन्य दवाइयां भी दी जा रही थी। मंगलवार को लगे कैंप बहुत संख्या में महिलाएं पहुंचे गई, जिससे अव्यवस्था फ़ैल गई। इस पर महिलाओं ने हल्ला मचाना शुरू कर दिया।
महिलाओं ने इस बारें में कहा है कि वह सुबह से अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे है जबकि यहां पर कार्यरत स्टाफ अपने जानकारों का नंबर पहले लगा ही लगा देते। इससे उनको बहुत परेशानियों को झेलना पड़ जाता है। महिलाओं का इस बारें में बोलना था कि कई महिलाओं की सोमवार की OPD स्लिप कटी हुई थी जबकि मंगलवार तक उनका नंबर नहीं पड़ा, हंगामे की सूचना सिविल सर्जन रमेश चंद्र आर्य को मिलने पर उन्होंने अस्पताल के अन्य डॉक्टरों व अधिकारियों को भेजकर हंगामा करने वाली महिलाओं को शांत भी करवाया। डॉक्टरों ने महिलाओं को आश्वासन दिया कि इस कैंप के उपरांत लगने वाले अगले सभी कैंपों में बिना किसी भेदभाव के नंबर के हिसाब से महिलाओं को जांचा जाने वाला है। वही कैंप में मिलने वाली सुविधाओं को भी बढ़ा दिया जाएगा। जिसके बाद ही हंगामा करने वाली महिलाएं शांत हुई।
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