वाशिंगटन: दुनियाभर में आंखों से संबंधित कई बीमारियां लोगों को होती हैं। लेकिन उन तमाम बीमारियों में ग्लूकोमा एक ऐसी बीमारी है, जिसके होने पर लोगों की आंखों की रौशनी भी जा सकती है। जानकारी के अनुसार बता दें कि अमेरिका में एक ऐसी डिवाइस तैयार की गई है। जो ग्लूकोमा जैसी बीमारी में कारगर सिद्ध होगी। यहां बता दें कि दुनिया भर में अंधेपन की दूसरी सबसे बड़ी वजह मानी जाने वाली बीमारी ग्लूकोमा या काला मोतियाबिंद है। वहीं अब इस बीमारी से पीड़ितों के लिए एक उम्मीद की नई किरण दिखी है।
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यहां बता दें कि ग्लूकोमा के मरीजों में ऑपरेशन के जरिये लगाई जाने वाली ड्रेनेज डिवाइस कई साल से लोकप्रिय हैं और इसका उपयोग आॅपरेशन के समय किया जाता है। हालांकि इनमें से कुछ ही डिवाइस हैं जो पांच साल से ज्यादा चल पाती हैं। वहीं इसकी वजह है कि ऑपरेशन के पहले और बाद में डिवाइस पर कुछ सूक्ष्म जैविक कण इकट्ठा हो जाते हैं। इसकी वजह से ये डिवाइस धीरे-धीरे काम करना बंद कर देती है।
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गौरतलब है कि आमतौर पर लोगों में मोतियाबिंद की शिकायत ज्यादा होती है और इसके लिए आंख में लैंस ही लगाया जाता है जिससे आंख को पुन: देखने योग्य बना दिया जाता है। इसके अलावा अमेरिका की परड्यू यूनिवर्सिटी के योवोन ली ने कहा कि उन्होने ऐसी डिवाइस तैयार कर ली है, जो इस परेशानी से पार पाने में सक्षम है। बता दें कि नई माइक्रोटेक्नोलॉजी की मदद से यह डिवाइस खुद को ऐसे सूक्ष्म जैविक कणों से मुक्त कर लेती है। वहीं ऐसे जैविक कणों को हटाने के लिए बाहर से चुंबकीय क्षेत्र की मदद से डिवाइस में कंपन पैदा किया जाता है। यह तकनीक ज्यादा सुरक्षित और कारगर है।
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