नई दिल्लीः भारतीय तीरंदाजी पर ओलंपिक में खेलने पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि विश्व तीरंदाजी ने भारतीय तीरंदाजी संघ को अपने दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने के लिए सस्पेंड कर दिया है। इस महीने के आखिरी तक महासंघ की व्यवस्था ठीक करने को कहा है। यह निर्णय सोमवार से प्रभावी होगा और भारतीय तिरंगे के तले तीरंदाज जिस प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकते हैं, वह 19 से 25 अगस्त तक मैड्रिड में होने वाली विश्व तीरंदाजी युवा चैंपियनशिप है।
विश्व तीरंदाजी के महासचिव टॉम डिलेन ने बयान में बताया, 'विश्व तीरंदाजी जून में भारतीय तीरंदाजी संघ को निलंबित करने के फैसले को लागू कर रही है।' विश्व तीरंदाजी के कार्यकारी बोर्ड ने जुलाई के आखिरी तक निदान ढूंढने की अवधि दी थी और इसमें कोई प्रगति नहीं की गयी जिससे विश्व संचालन संस्था ने अपने निलंबन के आदेश को लागू कर दिया।
डिलेन ने बयान में बताया, 'यदि इस महीने के आखिरी तक निदान नहीं निकाला गया तो कार्यकारी बोर्ड निर्णय करेगा कि भारतीय एथलीटों के एशियाई चैंपियनशिप और एशियाई पैरा चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के मौके को बचाने के लिये क्या किया जा सकता है। ' इस विवाद पर कोर्ट निर्णय की आशा है तो एएआई ने विश्व तीरंदाजी से कुछ और दिन देने का निवेदन किया था मगर इसे ठुकरा दिया गया। मजेदार बात है कि निलंबन का आदेश इस मुद्दे पर कोर्ट की सुनवाई से एक दिन पहले आया है। नवंबर महीने में बैंकाक में होने वाली एशियाई चैंपियनशिप तथा एशियाई पैरा चैंपियनशिप में ओलिंपिक कोटे दांव पर लगे होंगे।
सियासत में उतरेंगे टेनिस के ये दो दिग्गज खिलाड़ी
पीवी सिंधु बनी दुनिया की सबसे अमीर महिला बैडमिंटन खिलाड़ी
क्या भारतीय टीम पाकिस्तान में हो रहे डेविस कप में भाग ले पाएगी ?