जानलेवा हो सकता है अस्थमा, इन लक्षणों के दिखते ही जाएं डॉक्टर के पास

जानलेवा हो सकता है अस्थमा, इन लक्षणों के दिखते ही जाएं डॉक्टर के पास
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आज (3 मई) ‘विश्व अस्थमा दिवस’ है। आप सभी को बता दें कि यह दिवस अस्थमा रोग के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मनाते हैं। जी हाँ और आप सभी को हम यह भी बता दें कि अस्थमा सांस की नली और फेफड़ों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। इसमें कई बार सही समय पर मरीज को इलाज ना मिले, तो उसकी जान भी जा सकती है। जी हाँ और यह रोग ऐसा है जो बच्चों से लेकर वयस्कों को कभी भी हो सकता है। हर दिन ‘वर्ल्ड अस्थमा डे’ को एक खास थीम के तहत मनाया जाता है और इस बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाने की कोशिश की जाती है। आपको बता दें कि इस वर्ष इस दिवस की थीम रखी गई है ‘क्लोजिंग गैप्स इन अस्थमा केयर’ ( Closing Gaps in Asthma Care)। जी दरअसल अस्थमा एक लंबे समय तक चलने वाली सूजन संबंधी बीमारी है, जो फेफड़ों के वायुमार्ग को प्रभावित करती है। जी हाँ और इसमें व्यक्ति को खांसी, सांस लेने में समस्या, घरघराहट, सीने में जकड़न जैसे लक्षण नजर आते हैं। जी हाँ और इसका स्थायी रूप से इलाज तो संभव नहीं है, लेकिन कुछ उपायों को अपनाकर अस्थमा के लक्षणों को ट्रिगर होने से बचा सकते हैं।

क्या है अस्थमा- अस्थमा होने पर सांस की नली (एयरवेज) में सूजन या इंफ्लेमेशन हो जाता है, जिसके कारण सांस की नलिका के पैसेज सिकुड़ जाते हैं। इस दौरान नलिका के पैसेज जब सिकुड़ जाते हैं, तो अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। इसके अलावा सांस की नलिका के पास जो स्मूद मसल्स होते हैं, वे भी संकीर्ण हो जाती हैं। जब संकीर्णता या सिकुड़न हद से ज्यादा हो जाती है, तो अस्थमा के लक्षण में सीटी जैसी आवाज आने लगती है। इसी के साथ जब भी कोई हवा संकीर्ण हुई पैसेज से गुजरती है, तो सीटी जैसी आवाज आती है।

अस्थमा के लक्षण किन कारणों से बढ़ सकते हैं- इस लिस्ट में नम्बर एक पर है धूल-मिट्टी। इसी के साथ ही पोलन या पराग, फंगस, पालतू जानवरों की रूसी (डैंडर) आदि के कारण एलर्जी हो सकती है। जी हाँ और एरो एलर्जन बेहद ही कॉमन कारण है, जिसकी वजन से अस्थमा के लक्षण नजर आते हैं या ट्रिगर हो सकते हैं। केवल यही नहीं बल्कि इसके अलावा, प्रदूषण, वायरल इंफेक्शन के कारण अस्थमा के लक्षण नजर आ सकते हैं। वायरल इंफेक्शन जब ठीक हो जाता है, तो सांस की नलिका में कई बार सूजन हो जाता है, जिसे पोस्ट वायरल ब्रोंकाइटिस कहा जाता है। जी हाँ और इसी के कारण अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के लक्षण बढ़ सकते हैं।

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