यह बात तो एक डैम सच है कि मुंह मीठा करना हो या किसी को मनाना हो चॉकलेट से बेहतर और कुछ हो ही नहीं सकता है. भले ही मिठाईयां किसी को पसंद न हो लेकिन चॉकलेट देखकर कोई भी खुद को कंट्रोल नहीं कर सकता है. इसलिए शायद दीवानों के लिए प्रत्येक वर्ष वर्ल्ड चॉकलेट डे मनाया जाता है. तो चलिए आज हम चॉकलेट डे के इतिहास और महत्व की ओर न जाते है, और आज हम बात करेंगे कि चॉकलेट कितने प्रकार की होती है. जिनके बारें में आज हर कोई जानता है. ताकि आप अगली बार जब भी खरीदने जाएं तो आपको इनके बीच का फर्क पता हो.
बेकिंग चॉकलेट: बेकिंग चॉकलेट को इसे अनस्वीटन्ड भी कहा जाता हैं, कहने का तात्पर्य यह है कि इस चॉकलेट का कोई स्वाद नहीं होता. इसे खासतौर से बेकिंग पर्पज से ही बनाया जाता है , लेकिन इसे खाया नहीं जा सकता. बाकी दूसरे चीज़ों के साथ मिक्स होकर ये आपकी रेसिपी का स्वाद दोगुना हो जाता है.
डार्क चॉकलेट: डार्क चॉकलेट दूसरा सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली चॉकलेट है. ये थोड़ी कम मीठी होती है, लेकिन सेहत के लिए यह बहुत ही अच्छी होती है. चॉकलेट वाली कोई डिश तैयार करनी हो तो उसमें डार्क चॉकलेट का उपयोग किया जाता है. बहुत ही अच्छा टेक्सचर और फ्लेवर देता है.
कोकोआ पाउडर: क्या आप जानते है कि कोकोआ पाउडर को बहुत तेज तापमान पर जब चॉकलेट को पिघलाते हैं तो उसका लिक्विड पार्ट अलग हो जाता है और जो सॉलिड पार्ट बचता है उससे तैयार किया जाता है. कोकोआ पाउडर भी दो प्रकार के होते हैं- नेचुरल कोकोआ, जो हल्के ब्राउन कलर का होता है और दूसरा डच कोकोआ जो डार्क कलर और माइल्ड फ्लेवर किया जाताहै.
बिटरस्वीट चॉकलेट: बिटरस्वीट चॉकलेट में ज्यादातर 50% कोकोआ ही होता है. बाकी चॉकलेट्स की अपेक्षा ये थोड़ी कड़वी होती है. इसका स्वाद हल्का मीठा होता है इसलिए इसे एक्स्ट्रा डार्क चाकलेट भी बोला जा सकता है.
व्हाइट चॉकलेट: व्हाइट चॉकलेट में चॉकलेट लिकर या और भी कोई दूसरा कोकोआ प्रोडक्ट्स मिले हुए होते है. यहां तक कि इसका स्वाद भी चॉकलेट जैसा न होकर स्मूद वनीला जैसा होता है. व्हाइट चॉकलेट चीनी, कोकोआ बटर, दूध, वनीला और लेसीथीन से बना है.
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