चंडीगढ़: सरकार भले ही दुनिया में देश व प्रदेश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को नौकरी देने के बड़े-बड़े वादे करती हो, लेकिन यह दावा पूरी तरह से खोखला दिखाई दे रहा है. दुनिया के नंबर वन शूटर अंकुर मित्तल ने दो साल में दो बार सरकार को नौकरी के लिए आवेदन किया था, लेकिन उसके बाद भी उनके आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
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अब वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद अंकुर ने एचसीएस या एचपीएस की नौकरी के लिए आवेदन किया तो हरियाणा खेल विभाग में यह कहकर उनका मनोबल तोड़ दिया गया कि सरकार फ़िलहाल किसी को भी नौकरी नहीं दे रही है. इसलिए अंकुर ने एक माह पहले ही ओएनजीसी में नौकरी शुरू की है और उन्होंने बताया है कि वहां खेल का भी बेहतर माहौल है. उल्लेखनीय है कि अंकुर मित्तल ने वर्ष 2017 में विश्व कप में सिल्वर मेडल जीतने के बाद सरकार को नौकरी के लिए आवेदन दिया था, लेकिन सरकार द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया है, जबकि खेल विभाग के डायरेक्टर, सचिव व खेल मंत्री तक ने उन्हें नौकरी देने के लिए सिफारिश की, लेकिन इतना कुछ करने के बाद भी अंकुर को सरकार से नौकरी नहीं मिली.
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वहीं इस साल सितंबर में चार साल वाले वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने के बाद एक बार फिर अंकुर मित्तल ने नौकरी के लिए खेल विभाग में आवेदन किया, इसके बाद जब वे खेल विभाग में पहुंचे तो उन्हें कहा गया कि नौकरी के लिए कार्रवाई की लंबी प्रक्रिया है और वर्तमान में हाईकोर्ट के आदेश पर अधिकतर खिलाड़ियों को नौकरी दी जा रही है, थक हारकर अंकुर ने ओएनजीसी में नौकरी ज्वाइन की, जहां उसे मार्केटिंग ऑफिसर का पद दिया गया है.
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