सिर्फ आज ही नहीं हर दिन मनाया जाना चाहिए वर्ल्ड अर्थ डे

सिर्फ आज ही नहीं हर दिन मनाया जाना चाहिए वर्ल्ड अर्थ डे
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आप सभी जानते है की आज पृथ्वी दिवस है। हर साल 22 अप्रैल को मनाया जाने वाला अर्थ डे पुरे समाज में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। पृथ्वी पर होने वाले कई प्रकार के अनैतिक कार्य, अनौपचारिक कार्य को रोकने के लिए लोगो को जागरूक करने के लिए पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। पृथ्वी से सभी का जीवन जुड़ा हुआ है हमारा, जीवो का, जानवरों का, सभी का तो इसे स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी भी तो हमारी ही है। इसकी रक्षा के लिए पहल भी हमे ही करना होगा। अगर हम ही कुछ नहीं करेंगे तो पृथ्वी का विनाश सम्भव है या यूँ कह लीजिए की नजदीक है।

क्योंकि जिस तरह से आजकल अनैतिकता हो रहीं है, गंदगी फैलाई जा रहीं है जल्द ही पृथ्वी के नष्ट होने का समय आ गया है। दुनियाभर में कभी भी इस दिन को अच्छे से नहीं मनाया गया है। और अगर कहीं पर मनाया भी गया है तो कोई जागरूकता नहीं फैलाई गई है। हमें बस आज ही नहीं बल्कि हर दिन पृथ्वी को बचाना है। इसे लेकर किसी भी किस्म का राजनीतिक, या सामाजिक कदम नहीं उठाया गया है। अर्थ डे का मतलब है की अर्थ को बचाने के लिए पहल करना, कोशिश करना और किस तरह से इसे और खूबसूरत बनाया जा सकता है इस बारे में सोचना। हमे सिर्फ आज ही के दिन नहीं बल्कि हर दिन इस बारे में सोचना चाहिए और इस बारे में कोई ना कोई पहल करते ही रहना चाहिए।

हम सभी इस बात से बखूबी वाकिफ है की आज के समाज में अर्थ डे को लेकर किसी भी प्रकार की जागरूकता नहीं है ना ही कोई कदम उठाए जा रहें है, यह बात युथ की है जो पृथ्वी को काफी सुन्दर और शानदार बना सकते है अगर वे चाहे तो। इसीलिए कोशिश कीजिए की आज ही के दिन को नहीं बल्कि हर दिन को अर्थ डे के रूप में मनाया जाए। इस काम में सभी को हाथ बटाना होगा समाज को, युथ को, राजनीतिज्ञ को सभी को। और बच्चो से भी यह उम्मीद की जा सकती है की वे भी ज्यादा कुछ नहीं कर सकते तो केवल इतना करें की हमारे द्वारा इस्तमाल की जाने वाली पॉलीथिन को उपयोग करना बंद करें और कागजो के लिए रिसाइकल प्रक्रिया को बढ़ावा दें! क्यूंकि जितना ज्यादा रिसाइक्लिंग को बढ़ावा मिलेगा उतना ज्यादा पृथ्वी का कचरा कम होगा। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि पृथ्वी दिवस को लेकर देश और दुनिया में जागरूकता का भारी अभाव है! सामाजिक या राजनीतिक दोनों ही स्तर पर इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाए जाते।

कुछ पर्यावरण प्रेमी अपने स्तर पर कोशिश करते रहे हैं, किंतु यह किसी एक व्यक्ति, संस्था या समाज की चिंता तक सीमित विषय नहीं होना चाहिए! सभी को इसमें कुछ न कुछ आहुति देना पड़ेगी तभी बात बनेगी। पृथ्वी के पर्यावरण को बचाने के लिए हम ज्यादा कुछ नहीं कर सकते, तो कम से कम इतना तो करें कि पॉलिथीन के उपयोग को नकारें, कागज का इस्तेमाल कम करें और रिसाइकल प्रक्रिया को बढ़ावा दें! क्योंकि जितनी ज्यादा खराब सामग्री रिसाइकल होगी, उतना ही पृथ्वी का कचरा कम होगा।

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