जहाँ इंसानी शरीर में नई-नई तरीके की बीमारियां देखने मिल रही हैं तो वहीँ वैज्ञानिक भी जटिल बीमारियां के इलाज करने की हर संभव प्रयास कर रहे हैं. वैज्ञानिक ऑपरेशन को और सुगम बनाने के लिए अब इंसानी हाथों की वजह रोबोटिक हाथों का उपयोग करने का प्रयास कर रहे हैं. हाल ही में अमेरिका के वैज्ञानिक ने एक जटिल बीमारी का इलाज आधुनिक रोबोटिक तकनीक से करने में कामयाबी हांसिल की है. इसी के साथ यह दुनिया का पहला सफल ऑपरेशन बन गया है जो की रोबोट की मदद से किया गया है.
अमेरिका की पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी में इस ऑपरेशन को भारतवंशी सर्जन नील मेहरोत्रा ने बड़ी सूझबूझ के साथ सफल बना दिया. जिन्होंने एक मरीज के बेहद जटिल कैंसर ट्यूमर को एक रोबोट की सहायता से निकलने में कामयाबी हांसिल की है. 27 वर्षीय नोआ पेर्निकाफ नाम के मरीज के गर्दन में एक बेहद जटिल ट्यूमर बन गया था जिसमें कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी पनप रही थी. नोआ कुछ सालों पहले एक कार दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे पर जब इस दौरान उनकी जांच की गई यह जटिल ट्यूमर निकला जिसे कोरोडोमा कहते हैं. यह खोपड़ी और रीढ़ की हड्डी के बीच में होता है. कोरोडोमा ट्यूमर आमतौर पर धीरे-धीरे बढ़ता है और अक्सर कई साल तक इसके लक्षण सामने नहीं आ पाते.
भारतवंशी सर्जन नील मेहरोत्रा के नेतृत्व इस ऑपरेशन को करने का फैसला किया गया. जिसे ऑपरेशन ट्रांस ओरल रोबोटिक (टॉर्स) की मदद से जटिल कैंसर ट्यूमर को निकलने में सफलता हांसिल हुई. बता दें की टॉर्स दुनिया की पहली ऐसी रोबोटिक प्रणाली है, जिससे सर्जरी के दौरान खतरे बेहद कम रहते हैं.
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