हर वर्ष अक्टूबर माह के पहले सेामवार को विश्व पर्यावास दिवस सेलिब्रेट किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1985 में इस दिवस को सेलिब्रेट करने एलान कर दिया है। हर वर्ष अलग-अलग थीम तय की जाती है। और उस थीम के मुताबिक बेहतरी के लिए फैंस लिए जाते हैं। तो चलिए जानते हैं इस दिन को मनाने का उद्देश्य क्या है और इससे जुड़ी रोचक जानकारियां..
विश्व पर्यावास दिवस मनाने का उद्देश्य: संयुक्त महासभा द्वारा 1985 में मान्यता प्रदान की जा रही है। जिसके उपरांत से हर वर्ष यह दिवस सेलिब्रेट किया जा रहा है। इस दिवस को मनाने का खास उद्देश्य है इंसान के मूल अधिकारों की पहचान करना और पर्याप्त आश्रय देना जरुरी है। गरीबी को समाप्त कर बेहतरी के लिए जमीनी स्तर पर जांच करना। देश, विश्व , कस्बों की स्थिति में सुधार करना। आवश्यकता के मुताबिक हर वर्ष विकास को बढ़ावा देने के लिए यूएन (UN)नई थीम तय करता है। इससे मूलभूत चीजों में से किसी भी प्रकार की एक चीज की पूर्ति की भी कर सके।
विश्व पर्यावास दिवस का आयोजन विश्व के विभन्न देशों में आयोजित भी किया जा रहा है जैसे - भारत, पोलैंड, चीन, मेक्सिको, युगांडा, अंगोला, अमेरिका जैसे देशों में सेलिब्रेट किया जा रहा है। दुनियाभर में इसका आयोजन भी किया जा रहा है। ताकि बढ़ते नगरीकरण, वातावरण पर प्रभाव और गरीबी निवारण में भूमिका का पता लगा सके। कार्य के लिए अवॉर्ड समारोह का आयोजन भी किया जाने लगा। ''आवास स्क्रॉल ऑफ ऑनर'' सम्मान।
संयुक्त राष्ट्र पर्यावास मिशन के दौरान निम्न तथ्य है जैसे -
- पर्याप्त और टिकाऊ परिवहन और ऊर्जा।
- शहरी क्षेत्रों में अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना।
- वायु प्रदूषण रहित वातावरण बनाए।
- झुग्गी में रहने वाले लोगों में सुधार हो, शहरी योजनाओं में वृद्धि हो।
- शहर और गांवों में बेहतर कचरा प्रबंधन हो।
- शुद्ध पानी उपलब्ध हो।
- बच्चों के लिए उपयुक्त पर्यावरण, प्रदूषण मुक्त रहें।
विश्व पर्यावास दिवस के बारे में रोचक बातें -
- इस दिन को वैश्विक अनुपालन दिवस के रूप में सेलिब्रेट किया है। ना ही यह एक सार्वजनिक अवकाश है।
- इस दिवस को मनाने का लक्ष्य पर्यावास को बढ़ावा देने के रूप में अनेक प्रकार की गतिविधि आयोजित भी किया जा रहा है। जिसमे सेंट्रल बैंक, -स्थानीय सरकार, नागरिक समाज, निजी क्षेत्र और मीडिया उसके सहयोगियों के रूप में कार्य करते हैं।
- बेहतरी के लिए 'पर्यावास स्क्रॉल ऑफ ऑनर' भी दिया जाता है। साल 1989 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा यह शुरू भी किया जा चुका है।
- मानव बस्तियों की बेहतरी के लिए पुनर्निर्माण में सहयोग करें और शहरी जीवन के भी बेहतरी के लिए काम करें।
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