नई दिल्ली: चीन के दो शहरों में इम्पोर्ट किए गए पैकेजिंग फ़ूड के कार्गो में नए कोरोना वायरस के निशान पाए जाने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस संबंध में बयान जारी किया है। इस बारे में WHO का कहना है कि अभी तक ऐसे कोई ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं, जिनके आधार पर यह कहा जा सकता है कि खाने से भी कोरोना संक्रमण फैल सकता है। हालांकि इससे पहले भी चार दफा WHO कोरोना वायरस पर किए गए दावों को लेकर पलटी मार चुका है।
WHO के आपात स्थिति कार्यक्रम के प्रमुख माइक रयान ने एक बयान में कहा कि, "लोगों को भोजन, भोजन की पैकेजिंग या भोजन के वितरण से डरना नहीं चाहिए।" अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन और कृषि विभाग ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि, "इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि लोग कोरोना वायरस को भोजन से या खाद्य पैकेजिंग से अनुबंधित कर सकते हैं।"
वायरस शून्य से माइनस 20 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर दो वर्षों तक जिन्दा रह सकता है। हालांकि वैज्ञानिकों और अधिकारियों का कहना है कि अभी तक कोई ठोस प्रमाण नहीं है कि जमे हुए खाने से कोरोना संक्रमण फैल सकता है। ब्राजील की कंपनी ने कहा इस संबंध में उनको चीनी अधिकारियों द्वारा औपचारिक रूप से सूचित नहीं किया गया। कंपनी ने कहा है कि वह कोरोना वायरस के प्रसार को फैलने से रोकने के लिए हर संभव उपाय करती है और इसका कोई प्रमाण नहीं है कि यह भोजन के जरिए फैलता है।
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