WHO ने इस भारतीय दवाई के परिक्षण पर लगाई रोक, बताया ये कारण

WHO ने इस भारतीय दवाई के परिक्षण पर लगाई रोक, बताया ये कारण
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बर्लिन: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि वह अस्पताल में भर्ती कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित मरीजों के इलाज में मलेरिया रोधी दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) के प्रभावी होने या नहीं होने के संबंध में चल रहे टेस्ट को बंद कर रहा है. WHO ने शनिवार को कहा कि उसने परीक्षण की निगरानी कर रही समिति की हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन और HIV/एड्स के मरीजों के इलाज के लिए उपयोग होने वाली दवा लोपिनाविर/रिटोनाविर के टेस्ट को रोक देने की ‘सिफारिश स्वीकार’ कर ली है. 

WHO ने कहा है कि अंतरिम परिणाम दर्शाते हैं कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन और लोपिनाविर/रिटोनाविर के उपयोग से ‘अस्पताल में भर्ती कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की मृत्युदर में कोई कमी नहीं आई या मामूली कमी आई’.उसने कहा कि अस्पताल में एडमिट जिन मरीजों को ये दवाएं दी गईं, उनकी मृत्युदर बढ़ने का भी कोई ठोस सबूत नहीं है, वहीं इससे संबंधित परीक्षण के क्लीनिकल प्रयोगशाला परिणाम में इससे संबंधित सुरक्षा संबंधी कुछ संकेत मिले हैं. 

WHO ने कहा है कि यह फैसला उन मरीजों पर संभावित परीक्षण को प्रभावित नहीं करेगा, जो अस्पताल में एडमिट नहीं हैं या कोरोना वायरस के संपर्क में आने की आशंका से पहले या उसके कुछ ही देर बाद दवा का सेवन कर रहे हैं.

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