18 अप्रैल को दुनिया भर में विश्व धरोहर दिवस के रूप में मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्रसंघ की संस्था यूनेस्को का कहना है कि अगर हमें हमारी धरोहरों को भविष्य के लिए बचाकर रखना है तो हमें इनके बारे में जरूर जानना चाहिए. ये धरोहर हमारी संस्कृति को दर्शाती हैं और हमारे इतिहास के बारे में जानकारी देती हैं. हमारे इतिहास को बरक़रार रखने के लिए या हमारी विरासत को बचाने के लिए ये कदम उठाना जरुरी हैं. यूनेस्को ने भारत में 36 स्थानों को विश्व धरोहर की सूची में दर्जा दे रखा है. इन धरोहरों में शहर, इमारतों, गुफाओं आदि शामिल हैं. विश्व धरोहर दिवस पर आइये जानते है भारत की कुछ प्रमुख धरोहरों के बारे में-
केवलादेव उद्यान, काजीरंगा अभयारण्य, सूर्य मंदिर कोणार्क और महाबलीपुरम.
खजुराहो मंदिर, चोल मंदिर, एलिफेंटा की गुफाएं और पट्टादकल.
आगरा का किला, आगरा का ताजमहल, अजंता और एलोरा की गुफाएं.
हम्पी, गोवा के चर्च, मानस अभयारण्य, और फतेहपुर सीकरी.
चंपानेर पावागढ़, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, जयपुर का जंतर मंतर और दिल्ली का लाल किला
सांची के बुद्ध स्मारक, सुंदरबन, नंदा देवी का पुष्प उद्यान और हुमायूं का मकबरा
कुतुब मीनार, भीमबैठका, हिमालयन रेल और महाबोधि मंदिर.
कार्बूजिए की वास्तुकला, कंचनजंघा पुष्प उद्यान, नालंदा विश्वविद्यालय और अहमदाबाद शहर.
पश्चिमी घाट, गुजरात की रानी की वाव, राजस्थान का किला और ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क
विश्व विरासत दिवस: ये है भारतीय विरासत की बेशकीमती धरोहर
क्यों मनाया जाता है विश्व धरोहर दिवस