नई दिल्ली: देश की राजधानी नई दिल्ली के चिड़ियाघर से ना सिर्फ देश के कोने-कोने में शेरों की दहाड़ जाती है, बल्कि राजधानी के शेरों की दहाड़ ताकतवर देश कहे जाने वाले अमेरिका में भी सुनाई दे चुकी हैं। दिल्ली चिड़ियाघर से अब तक, अमेरिका, जर्मनी और बांग्लादेश के ज़ू में पांच शेर भेजे गए हैं। इनके बदले में दिल्ली को जैगुआर, बाघ और अफ्रीकी भैंस आदि जानवर प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा देश के आधा दर्जन से अधिक ज़ू में राजधानी से शेर भेजे और मंगाए जा चुके हैं।
चिड़ियाघर के निदेशक रमेश कुमार पांडेय ने जानकारी देते हुए बताया कि 10 अगस्त को पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय शेर दिवस मनाया जाता है। इसके लेकर राजधानी के चिड़ियाघर में तैयारियां की जा रही हैं। सोमवार को चिड़ियाघर में शेर के बाड़े के कीपर रामकेश और विनोद वेबिनार के माध्यम से देश के नागरिकों को शेरों के सम्बन्ध में बारीकी से जानकारी देंगे। उन्होंने बताया है कि दिल्ली के चिड़ियाघर में इन दिनों चार शेर मौजूद हैं, जिनमें से दो नर हैं और दो मादा हैं।
उन्होंने बताया कि इनमें नाम अखिला (9), सुंदरम (9), हेमा (7) और अमन (7) हैं। इनमें अखिला को जन्म से ही पीठ में समस्या हैं, जिसकी वजह से उसे बाड़े से बाहर नहीं निकाला जाता है। चिड़ियाघर के कीपर उसका ख़ास ध्यान रखते हैं, जिसमें उसके खाने पीने पर विशेष जोर दिया जाता है। रमेश कुमार ने बताया कि दिल्ली के चिड़ियाघर में पहली बार वर्ष 1969 में दो शेर लाए गए थे, जिसके बाद से आज तक दिल्ली में हमेशा शेर उपस्थित रहे हैं। दिल्ली में वर्ष 1990 में सबसे ज्यादा 12 शेर रहे हैं।
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