नई दिल्लीः आज विश्व साक्षरता दिवस है। दुनियाभर में 52वां विश्व साक्षरता दिवस मनाया जा रहा है। ऐसे में भारत में साक्षरता दर अब भी कम है। मौजूदा वक्त में एक बड़ी आबादी अशिक्षित है। आंकड़ों के मुताबिक देश में 28 करोड़ लोग अशिक्षित हैं। यूनेस्को की ग्लोबल एजुकेशन मॉनिटरिंग रिपोर्ट के अनुसार भारत को वर्ष 2050 में प्राइमरी शिक्षा, 2060 में माध्यमिक शिक्षा और 2085 में उच्च माध्यमिक शिक्षा का वैश्विक लक्ष्य हासिल करने में कामयाब होगा। अगर हम आजादी से वर्तमान साक्षरता दर का आंकलन करें तो स्थिति थोड़ी बेहतर हैं।
आजादी के बाद से देश में साक्षरता का ग्राफ 57 प्रतिशत बढ़ा है लेकिन इसके बावजूद भी हम वैश्विक स्तर पर काफी पिछड़े हैं। 2011 में हुई जनगणना के अनुसार केरल (93.91%) भारत का सर्वाधिक साक्षर राज्य है। बिहार में यह दर जहां 63.82 फीसदी है वहीं तेलंगाना 66.50 फीसदी साक्षर है। इसके बाद लक्ष्यद्वीप (92.28%), मिजोरम (91.58%), त्रिपुरा (87.75 %) और गोवा (87.40%) भी सूची में शामिल हैं।
बिहार और तेलंगाना दो ऐसे राज्य हैं जिनकी साक्षरता दर सबसे कम है। एक जानकारी के मुताबिक भारत की साक्षरता दर विश्व की साक्षरता दर 84% से बेहद कम है। हालांकि देश में शुरू किए गए सर्व शिक्षा अभियान और साक्षर भारत के जरिए इस दिशा में सार्थक कदम उठाए जा गए हैं। साल 2011 में हुई जनगणना के मुताबिक भारत में साक्षरता दर 75.06% है। आजादी के दौरान देश में साक्षरता दर बेहद कम थी। उस दौरान मात्र 18 प्रतिशत साक्षरता दर थी। हालांकि धीरे-धीरे इसमे सुधार हो रहा है।
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