कोलकाता: जिस तरह 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मानाया जाता है, उसी तरह 21 जून को विश्व संगीत दिवस भी मनाया मनाया जाता है।हर वर्ष 21 जून को विश्व संगीत दिवस मनाया जाता है। इसको मनाने का मकसद विभिन्न तरीके से म्यूज़िक का प्रोपेगेंडा तैयार करने के अतिरिक्त एक्सपर्ट व नए कलाकारों को एक मंच पर लाना है।
दुनिया में सदा ही शांति कायम रखने के लिए ही फ्रांस में पहली बार 21 जून 1982 में विश्व संगीत दिवस मनाया गया था। इससे पहले अमेरिका के एक संगीतकार योएल कोहेन ने वर्ष 1976 में इस दिवस को मनाने की बात कही थी। विश्व संगीत दिवस कुल 110 देशों में ही मनाया जाता है। विश्व संगीत दिवस के अलावा इसे संगीत समारोह के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि प्रत्येक शख्स अपने पसंद की गीत सुनने के दौरान शरीर के संवेदनशील अंगों में हरकत का अनुभव करता है। मन झुमने लगता है, दिमाग में आनंद छा जाता है, कभी कभी तो किसी धुन पर आंसू तक छलक आते हैं।
दरअसल मनोवैज्ञानिक भी मानते हैं कि संगीत का सेहत से गहरा रिश्ता है। संगीतकारों का कहना है कि प्रत्येक राग जीवन से जुड़ा है और तन मन तो स्वत: रागों में खो जाते हैं। आदि काल से संगीत का सेहत पर पड़ने वाले साकारात्मक प्रभाव को ही अब म्यूजिक थैरेपी का नाम दे दिया गया है। अब विज्ञान के क्षेत्र में संगीत के सेहत से संबंध पर शोध किए जा रहे हैं। मानव पर यह संगीत का बढ़ता प्रभाव ही है कि हाल के वर्षों से 21 जून को संगीत दिवस के रूप में भी मनाया जाने लगा है।
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