पांच करोड़ 50 लाख साल पुराना है यह रेगिस्तान, भरे है बड़े रहस्य

पांच करोड़ 50 लाख साल पुराना है यह रेगिस्तान, भरे है बड़े रहस्य
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कभी कभी आँखों के सामने ऐसे ऐसे कारनामे सामने आ जाते हैं जो हैरान कर जाते हैं। ऐसे ही कुछ हाल ही में भी हुआ है। जी दरअसल हम बात कर रहे हैं पांच करोड़ 50 लाख साल पुराने नामीब रेगिस्तान की जो दुनिया का सबसे पुराना रेगिस्तान माना जाता है। जी हाँ, दरअसल सहारा रेगिस्तान सिर्फ 20 से 70 लाख साल पहले का है और गर्मियों में यहां तापमान अक्सर 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है और रातें इतनी ठंडी होती हैं कि बर्फ जम जाए।

वहीं बात करें नामीब रेगिस्तान की तो यह दक्षिणी अंगोला से नामीबिया होते हुए 2,000 किलोमीटर दूर दक्षिण अफ्रीका के उत्तरी हिस्से तक फैला है। आप सभी को बता दें कि नामीब रेगिस्तान के सबसे सूखे हिस्सों में साल में औसतन सिर्फ दो मिलीमीटर बारिश होती है और कई साल बिल्कुल बारिश नहीं होती लेकिन फिर भी ओरिक्स, स्प्रिंगबॉक (दोनों हिरण की प्रजातियां), चीता, लकड़बग्घा, शुतुरमुर्ग और जेब्रा ने यहां की कठोर परिस्थितियों में खुद को ढाल लिया है। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि ईश्वर ने इस क्षेत्र को गुस्से में बनाया है। उनके अनुसार वहां परियों के छल्ले हैं।

जी दरअसल साल 2014 में पर्यावरण वैज्ञानिक ब्रॉनविन बेल ने पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के पिलबारा क्षेत्र में भी ऐसे ही घेरे ढूंढे और इन शानदार आकृतियों से हैरान होकर बेल ने जर्मनी के पारिस्थितिकी वैज्ञानिक विशेषज्ञ स्टीफन गेट्जिन से संपर्क किया और अपनी खोज शेयर की। उसके बाद स्थानीय लोगों से बात की तो उन्होंने कहा उन्हें इन आकृतियों के बारे में बहुत पहले से पता था और स्थानीय हिम्बा लोगों का विश्वास है कि इन्हें आ त्माओं ने बनाया है और ये उनके देवता मुकुरू के पैरों के निशान हैं। कुछ शोध बताते हैं कि ये घेरे दीमक के कारण बने हैं, जो जमीन से पानी और पोषक तत्वों को तलाशते रहते हैं। वहीं पौधे की जड़ों को खाकर वे जमीन के नीचे खाली जगह बना देते हैं, जिससे बारिश के पानी को धरती के अंदर तक पहुंचने में आसानी होती है। वहीं कई लोग इसके रहस्य से अनजान है और इसे रहस्य ही मानते हैं।

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