आज वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे है. आपको बता दें कि बुजुर्गों या उम्र बढ़ने पर हड्डियों का कमजोर होना यानी ऑस्टियोपोरोसिस एक आम समस्या है, जिससे हड़िडयों के टूटने/ फ्रैक्चर होने की आशंका बढ़ जाती है. ऐसे में ऑस्टियोपोरोसिस में विशेष रूप से कूल्हे, रीढ़ की हड्डी और कलाई की हड्डी में फ्रैक्चर की संभावना सबसे ज्यादा मानी जाती है और ऐसी स्थिति में जरा सी चोट लगने या कहीं टकराने पर भी हड्डी टूट जाती है. इसी के साथ ऑस्टियोपोसिस के कारण हड्डी टूटने की संभावना 50 फीसदी लोगों में पाई जाती है. इसी के साथ ऑस्टियोपोसिस के कारण हड्डी टूटना एक बड़ी समस्या है, जो अक्सर उम्र बढ़ने के साथ होती है.
वहीं ऑस्टियोपोसिस के लक्षणों में ''पीठ में दर्द, जो अक्सर वर्टेबरा में खराबी या फ्रैक्चर के कारण होता है और समय के साथ उंचाई कम होना, पीठ में झुकाव, जिससे हड्डी टूटने की संभावना बढ़ जाती है. वैसे तो ऐसी बहुत सो दवाएं हैं जो ऑस्टियोपोरोसिस का कारण बनने में कामयाब हो जाती है, जैसे कॉर्टिकोस्टेरॉयड, एंटी-डीप्रेसेन्ट, एंटी-हाइपरटेंसिव, एंटी-कॉन्वलसेंट आदि. इसी वजह से इन दवाओं का सेवन डॉक्टर की निगरानी में करें. इसी के साथ स्ट्रोक, हाइपरथॉयराइडिज्म, पार्किन्सन्स रोग के लिए ली जाने वाली दवाओं से भी ऑस्टियोपोरोसिस की संभावना बढ़ जाती है. इसी के साथ ही जिस व्यक्ति में पहले कभी हड्डी टूटी हो, भविष्य में उसमें ऑस्टियोपोरोसिस के कारण फ्रैक्चर की संभावना अधिक होती है और डिप्रेशन भी कभी कभी ऑस्टियोपोरोसिस का कारण बन जाता है. इससे रहत के लिए फुटवियर चुनें, कम हील वाली चप्पल पहनें, रबड़ सोल वाले सही फिटिंग वाले फुटवियर पहनें.
इसी के साथ अगर आपको आर्थराइटिस जैसी समस्या है तो चलते समय आप छड़ी या डिवाइस का सहारा ले सकते हैं और ध्यान रहे धूम्रपान करने वालों की हड्डियों में मिनरल डेंसिटी 10 फीसदी कम होती है, जिससे उनमें स्पाइनल फ्रैक्चर की संभावना दोगुनी हो जाती है, इसी तरह हिप फ्रैक्चर की संभावना भी 50 फीसदी तक बढ़ जाती है. इसके लिए डेयरी उत्पादों जैसे दूध, चीज, योगर्ट, हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रॉकली, सॉफ्ट बोन फिश का सेवन करें क्योंकि इनमे कैल्शियम और विटामिन डी पाया जाता है जो ऑस्टियोपोरोसिस को सही करता है.
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