बोन हेल्थ के जागरुकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष 20 अक्टूबर को वर्ल्ड ओस्टियोपोरोसिस डे मनाया जाता है। ओस्टियोपोरोसिस हड्डियों का एक गंभीर रोग है। जिसमें हड्डियां धीरे-धीरे इतनी कमजोर हो जाती हैं कि व्यक्ति चलने-फिरने और अपने रूटीन वर्क निपटाने से भी लाचार हो जाता है। महिलाओं में यह समस्या पुरुषों से ज्यादा होती है। आज हम सहरे करने जा रहे है आखिर ओस्टियोपोरोसिस है क्या ? ओस्टियोपोरोसिस हड्डियों से संबंधित बीमारी है। सही पोषण न मिल पाने और विभिन्न शारीरिक बदलावों के कारण इस बीमारी में हड्डियों की सेहत को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचता है। इस गंभीर बीमारी की ओर लोगों का ध्यान दिलाने के लिए वर्ष 1999 से इंटरनेशनल ओस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन हर वर्ष 20 अक्टूबर को वर्ल्ड ओस्टियोपोरोसिस डे मनाया जा रहा है। हालांकि इस दिवस की शुरुआत यूनाइटेड किंगडम में 1996 में नेशनल ऑस्टियोपोरोसिस सोसायटी द्वारा की गई थी।
ध्यान देने वाली बात ये है की पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस होने का जोखिम ज्यादा रहता है। आंकड़े बताते हैं कि दुनिया भर में हर तीन सैकेंड में एक फ्रैक्चर ऑस्टियोपोरोसिस के कारण होता है। आंकड़े बताते हैं कि हर साल 10 मिलियन लोग ऑस्टियोपोरोसिस से ग्रसित होते हैं। हॉर्मोनल बदलाव के कारण इनमें बड़ी संख्या महिलाओं की होती है। पर ऐसा नहीं है कि पुरुषों पर इस बीमारी का प्रकोप नहीं होता। बल्कि उम्र के साथ होने वाले कई बदलावों में उनकी बोन हेल्थ पर भी असर पड़ता है। इस बीमारी से ग्रसित इंसान के शरीर में हड्डिया धीरे धीरे कमजोर होकर टूटने लगती है।
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