भारत सहित पूरे विश्व में पोलियो के मरीजों में लगातार इजाफा होता जा रहा है, हालांकि कई देश पोलियो जैसी खतरनाक बीमारी से अभी भी जूझ रहे हैं। विश्व पोलियो दिवस 24 अक्टूबर को मनाया जाता है। यहां बता दें कि पोलियो एक बेहद संक्रामक बीमारी होने के साथ ही खतरनाक भी है। पोलियो से ग्रसित मरीजों की संख्या भी देश सहित पूरी दुनिया में बढ़ रही है। पोलियो एक ऐसी बीमारी है जिसमें बच्चे जन्मजात अपंग होते हैं या फिर जन्म से कुछ समय बाद वे इससे ग्रसित हो जाते है। हालांकि इस बीमारी से बचाव हेतु देश विदेश की सरकारें जागरूकता अभियान भी चला रही हैं।
पोलियो को चिकित्सा क्षेत्र में 'पोलियोमाइलाइटिस' के रूप में भी जाना जाता है, यह एक बीमारी है जो घातक 'पोलियोवायरस' से होती है और ये आमतौर पर 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है। इस कारण से इसे 'इन्फैंटिल पैरालिसिस' भी कहा जाता है। ये वायरस मुख्य रूप से तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है, जिससे व्यक्ति कमजोर अपंग पैर के साथ छोड़ देता है और सामान्य रूप से अपने पूरे जीवन में चलने में असमर्थ रहता है।
जानकारी के अनुसार ग्लोबल उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 1988 से पोलियो के लिए कार्य किया जा रहा है और उन्होने दुनिया के कई हिस्सों में पोलिओवायरस टीकों को नियोजित किया है। देश सहित विदेशों में भी पोलियो वायरस से निपटने के लिए वैक्सीन का निर्माण किया गया जिसे पोलियो की दवा के रूप में बच्चों को दिया जाता है। नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक 2006 के आंकड़ों की तुलना में पोलियो मामलों में 58% की कमी आई है वहीं 2007 में वैश्विक स्तर पर केवल 613 मामले पोलियो की सूची में रहे हैं। यहां बता दें कि डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक मार्गरेट चैन ने भारत को बधाई देते हुए कहा कि 'मुझे पूरा भरोसा है कि भारत जल्द ही पोलियो मुक्त हो जाएगा।
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