हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है. साल 2018 में वर्ल्ड पॉप्युलेशन डे की थीम है- परिवार नियोजन हर मनुष्य का अधिकार है. दरअसल, तेजी से बढ़ती दुनिया की आबादी ने हमारे सामने कई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं. दुनिया की आबादी 760 करोड़ पहुंच गई है जो हर दिन, हर घंटे, हर सेकंड बढ़ती जा रही है. बढ़ती आबादी से जुड़ी समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने के मकसद से ही हर साल 11 जुलाई को वर्ल्ड पॉप्युलेशन डे मनाया जाता है.
IND vs NZ : 'वनडे' बना 'टू' डे, आज होगा फाइनल में जाने वाली टीम का फैसला
आज दुनिया की एक बड़ी आबादी भोजन, शिक्षा, स्वास्थ्य समेत मूल सुविधाओं से दूर है और इसकी एक प्रमुख वजह अनियंत्रित आबादी भी है. परिवार नियोजन की महत्ता को समझते हुए भारत में अब सीमित परिवार पर जोर दिया जा रहा है. आबादी पर अंकुश लगाने के लिए सीमित परिवार के फायदे बताए जा रहे हैं.
IND vs NZ : आज भी बारिश ने बिगाड़ दिया खेल, तो किसे मिलेगा फाइनल का टिकट ?
दुनियाभर में बढ़ती जनसंख्या के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है. इस दिन लोगों को परिवार नियोजन, लैंगिक समानता, मानवाधिकार और मातृत्व स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी जाती है. विश्व जनसंख्या दिवस के दिन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होता है जिनमें जनसंख्या वृद्धि की वजह से होने वाले खतरे के प्रति लोगों को आगाह किया जाता है.1989 से ही विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जा रहा है. इस दिन की शुरुआत, संयुक्त राष्ट्र संघ के विकास कार्यक्रम के तहत हुई और इसके बाद सारे देशों में विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाने लगा. विश्व जनसंख्या दिवस के दिन बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगाने के प्रति लोगों को जागरुक किया जाता है. पिछले साल विश्व जनसंख्या दिवस की थीम परिवार नियोजन थी. तेजी से जनसंख्या की वृद्धि कई वजहों से समाज और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है. गैरकानूनी होते हुई भी देश के कई पिछड़े इलाकों में आज बाल विवाह की परंपरा है.
सेमीफाइनल : भारत के लिए रिजर्व डे है खास, क्या दोहराएगी 20 साल पुराना इतिहास ?
WC 2019 : अपना पहला मैच खेलेगा यह स्टार, टीम में हुई वापसी
Street Dancer 3d : वरुण धवन और टीम को चढ़ा वर्ल्ड कप का खुमार, इंडियन जेर्सी में आये नज़र