दुनियाभर में प्रत्येक वर्ष 5 नवंबर को विश्व सुनामी जागरूकता दिवस सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन प्राकृतिक आपदा सुनामी के बारे में लोगों को जागरूक करने का काम किया जाता है और ऐसे स्थिति से निपटने के बारे में सुझाव दिए जाते है। वर्ल्ड में ऐसे कई देश हैं जो प्रत्येक वर्ष सुनामी की मार का सामना करते है। कुछ रिपोर्ट्स के कहना है कि वर्ष 2030 तक विश्व की 50 प्रतिशत आबादी बाढ़, तूफान और सुनामी के संपर्क में आने का अनुमान है। इस दिन के लिए भी लोगों के बीच जागरूक फैलाने का काम किया जा रहा है। सुनामी से निपटने के लिए लोगों को बुनियादी ढांचे, चेतावनी, और ट्रेनिंग दी जाती है। आपातकाल के समय लोगों को कैसे बचाया जाए। इन सभी चीजों के बारे में जानकारी दी जाती है।
ये देश सबसे ज्यादा आते हैं चपेट में: लगभग बीते 100 वर्षों के अंदर सुनामी से इंडोनेशिया, श्रीलंका, भारत और थाईलैंड सहित 14 देश ऐसे रहे, जिन्होंने बहुत हानि उठाई है, इसमें स्वास्थ्य से लेकर आर्थिक हानि तक शामिल है। जहां इस बात का पता चला है कि 2 लाख 27 हजार बार इन देशों पर सुनामी का हमला हुआ था। वर्ष 2004 में सुनामी के कारण इंडोनेशिया, भारत, श्रीलंका सहित 14 देशों को सबसे बड़ी हानि हुई थी।
सुनामी जागरूकता बढ़ाने और जोखिम से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2015 में 5 नंवबर के दिन विश्व सुनामी जागरूकता दिवस के रूप में नामांकित कर दिया जाता है। जिसको लेकर विश्व के कई देश एक साथ आए और UN से मांग की। इसके उपरांत संयुक्त राष्ट्र ने विश्व सुनामी जागरूकता दिवस का एलान किया। वहीं यह भी कहा जा रहा है, संयुक्त राष्ट्र द्वारा दुनिया के सभी देशों में एक अभियान के लिए एक दिन घोषित किया जाता है। इंटरनेशनल दिवस जनता को चिंता के मुद्दों पर जागरूक करने और उससे निपटने के बारे में जानकारी देता है और लोगों को प्रेरित करता है। ताकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सभी देश एक साथ आकर कार्य करें।
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