विश्व शाकाहार दिवस हर साल 1 अक्टूबर को पूरे विश्व में मनाया जाता है। यह 1977 में उत्तरी अमेरिकी शाकाहारी समाज का स्थापना दिवस है तथा 1978 में इंटरनेशनल वेजिटेरियन संघ द्वारा “शाकाहार से खुशी, करुणा तथा जीवन-वृद्धि की आशंकाओं को बढ़ावा देने” के लिए इसका समर्थन किया था, यह शाकाहारी जीवन शैली के नैतिक, पर्यावरणीय, स्वास्थ्य और मानवीय फायदों के बारे में जागरूकता लाता है।
वही मुख्य रूप से भोजन के दो प्रकार होते हैं, शाकाहारी और मांसाहारी। इंसान कि बॉडी दोनो तरह के भोजन को पचाने की क्षमता रखती है। कुछ लोगों का मानना है कि मांसाहारी भोजन में अधिक पोषक तत्व मिलते हैं। परन्तु आपको बता दें कि मांसाहारी भोजन में जो तत्व मांस खाने से मिलता है ठीक वैसे ही शाकाहारी भोजन में शाक-सब्जियों में मिलता है। मांसाहारी भोजन के अपेक्षा शाकाहारी भोजन शीघ्र ही पच जाता है।
साथ ही विश्व शाकाहारी दिवस मतलब वर्ल्ड वेजिटेरियन डे 1 अक्टूबर, 1977 में पहली बार यूके वेगन सोसाइटी ने मनाया था। वर्ष 1944 में वेजिटेरियन सोसायटी की स्थापना हुई थी। जिसकी 50 वीं सालगिरह पर वेजिटेरियन सोसायटी के अध्यक्ष ने अक्टूबर की पहली तारीख को यादगार बनाने और लोगों में शाकाहारी आहार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वेजिटेरियन दिवस को हर वर्ष मनाने का ऐलान किया। वेजिटेरियन डे मनाने कि एक वजह भेदभाव भी थी। क्योंकि उस वक़्त वेगंस को डेयरी उत्पादों का उपभोग करने की मंजूरी नहीं थी। जिसके विरोध में उन्होंनें अंडे का सेवन बंद कर दिया तथा फिर 1951 में ये एक शाकाहारी आंदोलन बन गया है। जो जानवरों के शोषण में भाग नही लेते थे। तब से प्रत्येक वर्ष 1 अक्टूबर को पूरी दुनिया में शाकाहार को प्रोत्साहित करने के लिए जागरुकता अभियान चलाए जाते हैं। अतः जरुरी है कि हम इसका सम्मान करे।
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