दुनियाभर में कई प्रकार के रंग है लेकिन सभी रंगों में से काले रंग को बहुत ही ज्यादा मनहूस माना जाता है, चाहे वो काले रंग का कपड़ा ही क्यों न हो, लेकिन वैज्ञानिकों ने इस रंग को बहुत ही महत्त्वपूर्ण माना है. विज्ञान के मुताबिक, काला रंग अत्यधिक गर्मी प्रदान करने वाला होता है. यही वजह है कि सर्दियों के दिनों में काले कपड़े पहनने की लोग अक्सर सलाह देते है, क्योंकि काला रंग सूर्य की गर्मी को अवशोषित कर लेता है और उसे बाहर जाने नहीं देता, जिस वजह से शरीर में गर्मी बनी रहती है. काले रंग को सभी रंगों में प्रधान रंग माना जाता है, क्योंकि यह सभी रंगों के सम्मिश्रण से तैयार होता है. वैसे तो दुनिया में कई ऐसी चीजें हैं जो बहुत ही ज्यादा काली हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं दुनिया का सबसे काला पदार्थ कौन सा है. नहीं ना...तो आज हम आपको ऐसे ही काले पदार्थ के बारें में बताने जा रहे है.
बता दें कि दुनिया के सबसे काले पदार्थ को 'वेंटाब्लैक' नाम से जाना जाता है. यह इतना काला होता है कि अगर इसे किसी ऊबर-खाबर जगह पर पोत दिया जाए, तो उसकी सतह बिल्कुल सपाट दिखने लगती है. इसके कालेपन की वजह ये है कि यह प्रकाश के 99.96 फीसदी हिस्से को सोख लेता है. वेंटाब्लैक को ब्रिटेन की नैनोटेक कंपनी सरे नैनोसिस्टम्स ने साल 2014 में विकसित किया था. पिछले साल ही कंपनी ने इसे स्प्रे के रूप में भी पेश किया है. अब आप सोच रहे होंगे कि यह कोई पेंट है तो आप गलत हैं. वेंटाब्लैक कोई पेंट नहीं बल्कि यह कार्बन के नैनोट्यूब्स से मिलकर बना हुआ है.
दरअसल, वेंटाब्लैक में हर नैनोट्यूब की मोटाई 20 नैनोमीटर के बराबर है यानी एक इंसानी बाल की मोटाई से भी 3500 गुना पतला. रोशनी इन्ही नैनोट्यूब्स के बीच की बारीक जगहों पर फंसकर रह जाती है, जिसके कारण वेंटाब्लैक में सिर्फ और सिर्फ कालापन ही नजर आता है, इसके सिवा कुछ नजर नहीं आता है. पिछले साल ही इस पदार्थ की मदद से बीएमडब्ल्यू ने एक कार बनाई थी, जिसे दुनिया की सबसे काली कार माना गया था.
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