उज्जैन। शहर से 10 किलोमीटर दूर बड़नगर रोड पर धरमबड़ला में श्री कल्याण मंदिर नवग्रह महातीर्थ का निर्माण किया गया है, यह मंदिर करीब 22 बीघा क्षेत्र में बनकर तैयार हुआ है। विश्व का यह पहला मंदिर होगा जिसमें 45 शिखर दिखाई देंगे। इस जैन तीर्थ को तकरीबन 500 शिल्पकारों ने 10 वर्ष में संगमरमर से नक्काशीदार भव्य रूप दिया है। यहां मुख्य आयोजन 4 फरवरी को होना है, जिसके चलते यहाँ देशभर से एक लाख से अधिक श्वेतांबर जैन समाज के लोगों के आने की संभावना जताई गई है।
इस मंदिर के निर्माण में लगभग 45 करोड़ रुपये की लागत आई है। इस तीर्थ की विशेषता है कि, यहां संचालित किये जा रहे गुरुकुल में बच्चों को सीबीएसई की आधुनिक शिक्षा तो दी जाती है लेकिन उसके साथ ही यह उन्हें संस्कार और नैतिकता का ज्ञान भी दिया जाता है। गुरुकुल में हॉस्टल और बस सुविधा भी उपलब्ध है। नव निर्मित मंदिर में अभ्युदय पार्श्वनाथ की प्रतिमा प्रतिष्ठित की जाएगी। प्रतिमा प्रतिष्ठा के अंतर्गत पंच कल्याणक महोत्सव आरंभ कर दिया गया है।
इस आयोजन में बाहर से आने वाले अतिथियों को ठहराने के लिए खेतों में अस्थायी कॉटेज और डोरमेट्री कक्ष बनाए गए हैं। कार्यक्रम के लिए 20 हजार वर्ग फीट का अश्वसेन राज दरबार बनाया गया है, जिसमें पंचकल्याणक कार्यक्रम किया जा रहा है वहीं, 24 हजार वर्ग फीट डोम में भोजन मंडप तैयार किया गया है। इस विशाल डोम में हजारों लोग एक साथ भोजन प्रसाद ग्रहण कर सकेंगे।
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