दिन पर दिन विज्ञान दुनियाभर में तैराकी करते जा रहा हैं और नए-नए उपकरण बनाए जा रहे हैं. हाल ही में दुनिया का सबसे बड़ा रेडियो टेलीस्कोप भी जुड़ गया है. यह चीन में स्थित है, जिसे तीन साल के लंबे ट्रायल के बाद शुरू कर दिया गया है. सितंबर 2016 से यह रेडियो टेलीस्कोप ट्रायल पर था. इसे अंतरिक्ष की आंख कहकर भी पुकारा जा रहा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गुइझोऊ प्रांत में पहाड़ी पर स्थापित यह रेडियो टेलीस्कोप 20 साल में बनकर तैयार हुआ है. इसे बनाने में अमेरिका, ब्रिटेन और पाकिस्तान समेत 10 देशों के वैज्ञानिकों ने मदद की है. इसमें 1207 करोड़ रुपये का खर्च आया है. चीन का यह टेलीस्कोप एक सेकंड में 38 गीगाबाइट (जीबी) डाटा जुटाने में सक्षम है. दुनिया का सबसे बड़ा और संवेदनशील यह रेडियो टेलीस्कोप प्यूर्टोरिका की अरेसिबो ऑब्जर्वेटरी से 2.5 गुना संवेदनशील है. जानकारी के लिए बता दें कि प्यूर्टोरिका स्थित ऑब्जर्वेटरी में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सिंगल-डिश रेडियो टेलीस्कोप स्थापित है.
इस रेडियो टेलीस्कोप को बनाने का मकसद अंतरिक्ष में जीवन की खोज करना है. इसके अलावा यह एलियंस का भी पता लगाएगा. इस टेलीस्कोप का नाम फाइव हंड्रेड मीटर अपर्चर स्फेरिकल रेडियो टेलीस्कोप यानी फास्ट है. 4450 पैनल वाला यह टेलीस्कोप आकार में 30 फुटबॉल मैदान के बराबर है. इसकी अंतरिक्ष रेंज चार गुना ज्यादा है. यह अब तक करीब 44 पल्सर की खोज कर चुका है. दरअसल, पल्सर तेजी से घूमने वाला न्यूट्रॉन या तारा होता है, जो रेडियो तरंग और विद्युत चुंबकीय विकिरण उत्सर्जित करता है.
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