शिमला : विश्व की सबसे लंबी रोहतांग सुरंग इसी साल बनकर तैयार हो जाएगी। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस टनल को दिसंबर, 2019 में यातायात के लिए खोल दिया जाएगा। पीरपंजाल की पहाड़ियों को भेदकर बन रही यह सुरंग जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के लोगों तथा भारतीय सेना के लिए मील का पत्थर साबित होगी। 8.8 किमी लंबी सुरंग का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है।
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इस कारण धीमे हुआ कार्य
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार लक्ष्य से पांच साल देरी से बनकर तैयार हो रही टनल की लागत भी 1400 करोड़ से बढ़कर 4000 करोड़ पहुंच चुकी है। टनल का निर्माण सीमा सड़क संगठन की देखरेख में एफकॉन-स्ट्राबॉग ज्वाइंट वेंचर कंपनी कर रही है। आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल के बावजूद कंपनी सेरी नाले के पानी पर काबू नहीं पा पारहि है। अगर सेरी नाले से पानी का रिसाव नहीं होता तो पांच साल पहले ही निर्माण कार्य पूरा हो चुका होता।
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प्राप्त जानकारी अनुसार रोहतांग टनल प्रोजेक्ट के मुख्य अभियंता ब्रिगेडियर ने बताया कि दिसंबर तक टनल बनकर तैयार होगी। फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती बने टनल के भीतर सेरी नाले से रिसाव हो रहे पानी को रोकने का इंतजाम किया जा रहा है। ब्रिगेडियर ने कहा कि नॉर्थ पोर्टल की तरफ से टनल के आधे हिस्से तक निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है।
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