दुनिया में अभी भी बहुत सारे रहस्य है जो आज तक वैज्ञानिक भी नहीं जान पाए हैं। काफी सारी रहस्मयी जगह है ,जो काफी सुन्दर और टूरिस्ट का अट्रैक्शन है। ऐसी ही कुछ जगह की ख़ास बातें हम आपको इस वीडियो में दिखाएंगे. आइए आज अजूबों से हम आपको रूबरू करते हैं...
1) रेसट्रैक प्लेया, केलिफोर्निया...
यहाँ वज़नदार पत्थर ऑटोमैटिक ही एक स्थान से दूसरे स्थान तक खिसकते हुए पाए गए है. यदि कोई आम व्यक्ति इसे देख ले तो वह डर जाएगा. इस अजूबे ने वैज्ञानिकों की भी नीदें उड़ा दी. वैज्ञानिकों की मानें तो उन्होंने साल 2013 में 60 पत्थरों को मूव करते हुए देखा. इस दौरान उन्होंने रिसर्च करना शुरू कर दिया और पाया कि पत्थरों पर बर्फ की लेयर होती है. गर्मी के मौसम में यहां लेयर पिघलने लगती है और हवा के दबाव में पत्थर खिसकने लगते है.
2) इस्टर आइलैंड, चिली...
इस आइलैंड पर करीब 600 मूर्तियों का कलेक्शन रखा हुआ है और कहा जाता है कि इन पर हथोड़े से वार भी करे तो मूर्तियों को केवल खरोच आएगी, वे टूटेगी नहीं. इन मूर्तियों की ख़ास बात यह है कि यह दिखने में एक जैसी है और इनका वज़न करींब 100 टन है. अब सवाल यह उठता है कि यहाँ किसी के रहने का कोई सबूत नहीं है तो इन्हें लाया कौन होगा? कुछ लोगों का कहना है कि कुछ सालों पहले एलियंस ने इनका निर्माण किया था लेकिन इसका कोई सबूत नहीं है जिससे यह आइलैंड आज भी रहस्यों में दफन है.
3) मेराकोबा झील,वेनेज़ुएला...
वेनेज़ुएला के साउथ वेस्ट एरिया में मेराकोबा झील है. इस झील के कोने में पहाड़ों के ऊपर से दुनिया की सबसे तेज़ रोशनी से बिजली चमकती है. कहते है मई से अक्टूबर के बीच में यहाँ सबसे ज्यादा बिजली चमकती है. एक रात में करीब 200 से ज्यादा बार बिजली चमकने का रिकॉर्ड है.
4) येलो स्टोन नेशनल पार्क, यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका...
यहाँ नेचरल गीजर्स देखने को मिलते है. आपको बता दें, नेचरल गीजर मतलब गर्म पानी का फव्वारा होता है जो जमीन के अन्दर से फाउंटेन के रूप में निकलता है. इस पार्क में करीब 300 नेचरल गीजर्स है. इनमें से सबसे पॉपुलर है ‘ओल्ड फैथफुल’ है जो दुनिया का सबसे ऊँचा गर्म पानी का फव्वारा है. इसमें नियमित रूप से विस्फोट देखने को मिलता है जिससे वैज्ञानिक भी हैरान है कि आखिर इतने विस्फोट कैसे हो सकते है?
5) पामुकले, टर्की...
टर्की में पामुकले नाम की एक जगह है जहाँ 17 नेचुरल हॉट स्प्रिंग्स है. गर्म पानी के झरने यहाँ हज़ारों सालों से है. बताया जाता है कि यहाँ के पानी में कुछ इस तरह के मिनरल्स मौजूद है जो हवा के कॉन्टैक्ट में आते ही कैल्शियम कार्बोनेट बन जाते है और झरनों के किनारे जाकर जमा हो जाते है. यहीं कारण है कि आज के वक़्त में यह झरने किसी स्विमिंग पुल से कम नहीं है. सफ़ेद रंग के इन झरनों का पानी करीब 37 डिग्री से 100 डिग्री सेल्सियस तक गर्म रहता है. यहाँ लोगों की भीड़ हमेशा देखने को मिलती है.
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