भारत में स्थित मथुरा देव भूमि कही जाती है और यह आस्था का केंद्र भी है। यहाँ स्थापित मंदिर पुरे विश्व में सुप्रसिद्ध है, वही यहाँ कुछ मंदिर ऐसे भी है जो की मथुरा के अलावा कही भी नहीं है। फीर वो मंदिर श्री कृष्ण का हो या भगवान शंकर का सभी मंदिर अद्वितीय है। ऐसा ही एक दुर्लभ मंदिर है "गत्तेश्वर महादेव" मंदिर, यह मंदिर कृष्णा जन्म भूमि से थोड़ी ही दुरी पर गोविन्द नगर में स्थित है। यहाँ रोजाना हजारो भक्त भगवान भोलेनाथ और माँ गायत्री के दर्शन करने आते है।
गत्तेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी ने बताया की यह मंदिर हज़ारो वर्ष पुराना है, यह पूरी दुनिया में एकलौता मंदिर है, इस मंदिर में भगवान शंकर के साथ माता पार्वती के जगह शक्ति रूप में माँ गायत्री विराजमान है। पुजारी ने बताया की इस मंदिर में गायत्री माता भोलेनाथ के सीधे हाथ पर विराजमान है। यही कारण से यह मंदिर लोगो में आस्था का केंद्र बना हुआ है।
ऐसा माना जाता है की लवणासुर नामक दैत्य ने भी इस जगह पर तपस्या की थी और इस दैत्य को हराने के लिए भगवान श्री राम के भाई शत्रुघ्न ने भी तपस्या करके लवणासुर को हराया था। यह की मान्यता है की जो भी यहा पर रुद्राभिषेक करता है उसे भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है और यदि कोई भी भक्त यहा 41 दिनों तक दीपक जलाता है तो उसकी मनोकामना पूरी होती है।
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