सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी त्योहार के रूप में मनाया जाता है. इस दिन नाग देवता की खास पूजा होती है. इस पूजा में नाग देवता को दुध अर्पित किया जाता है. इस विशेष दिन पर महिलाएं अपने भाइयों तथा परिवार की सुरक्षा के लिये नाग देवता से प्रार्थना करती हैं. वही इस बार नाग पंचमी 21 अगस्त को है. ऐसे में आइये आपको बताते है नाग पंचमी की पूजा विधि और मंत्र...
नाग देवता का पूजा विधि:-
सुबह उठकर स्नान-ध्यान और साफ वस्त्र पहनें.
फिर पूजा-घर में दीप जलाएं.
फिर शिव मंदिर में जाकर जल अर्पित करें और नाग देवता का अभिषेक करें.
नाग पंचमी के दिन उन्हें दूध का भोग लगाएं और भगवान शंकर, माता पार्वती और भगवान गणेश को भी भोग लगाएं.
नाग देवता की आरती करें और नाग पंचमी कथा का पाठ करें.
नाग पंचमी पूजा मन्त्र:
सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था येऽन्तरे दिवि संस्थिताः॥
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिनः।
ये च वापीतडगेषु तेषु सर्वेषु वै नमः॥
अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्।
शङ्ख पालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।
सायङ्काले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषतः।
तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्॥
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