नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के सहयोगी की तरफ से धरना देने वाले पहलवानों के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई है। याचिका में बृजभूषण सिंह के खिलाफ पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के इल्जामों को भी चुनौती दी गई है।
दरअसल, बीते सप्ताह बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट सहित 30 से अधिक पहलवान जंतर मंतर पर धरना देने बैठे थे। पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह एवं कुछ कोच पर यौन उत्पीड़न सहित कई गंभीर इल्जाम लगाए थे। पहलवानों का आरोप था कि महासंघ नए नियमों की आड़ में खिलाड़ियों का उत्पीड़न कर रहा है। पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ को भंग करने एवं बृजभूषण शरण सिंह के इस्तीफे की मांग की थी। इस मामले में खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ से जवाब मांगा था।
वही दिल्ली उच्च न्यायालय में यह याचिका बृजभूषण शरण सिंह के सहयोगी की तरफ से दाखिल की गई है। इसमें इल्जाम लगाया गया है कि पहलवानों ने इंसाफ का मजाक बनाकर यौन उत्पीड़न कानूनों का पूरी तरह से दुरूपयोग किया। यदि किसी खिलाड़ी का यौन उत्पीड़न हुआ, तो उन्हें कानून या अदालत के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए। याचिका में विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया एवं अन्य पहलवानों के विरुद्ध FIR दर्ज करने का आदेश देने की मांग की गई है, जिन्होंने बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के इल्जाम लगाए हैं। वहीं, अधिवक्ता शारिकसंत प्रसाद ने याचिका दाखिल करने के बाद बताया कि यह याचिका विक्की नाम के व्यक्ति ने दाखिल की है, जो बृजभूषण के आधिकारिक आवास पर रहता है तथा उनके लिए खाना बनाता है। याचिका में इल्जाम लगाया गया है कि धरना देने वाले खिलाड़ियों ने सार्वजनिक तौर पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के गंभीर इल्जाम लगाकर बृजभूषण की प्रतिष्ठा तथा सम्मान को धूमिल करने की हदें पार कर दी हैं।
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