आजकल लैपटॉप और कंप्यूटर का जमाना है, ऐसे में लोगों का पेपर पर लिखना कम ही होता है. ऑफिस में सारा काम कंप्यूटर पर होता है, तो जाहिर सी बात है पेन सिर्फ सिग्नेचर करने के लिए ही उठाते होंगे. लेकिन लिखने की आदत आपको भी होनी चाहिए, क्योकि इसके कई फायदे होते हैं. आज हम आपको लिखने के ही कुछ फायदे बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आप भी चौंक जायेंगे.
लिखने से आप स्मार्ट बनते हैं. एक शोध की मानें, तो जो बिल्कुल भी नहीं लिखते वो तनाव और चिंता से ग्रस्त हो जाते हैं. लिखने से इम्यून सिस्टम बूस्ट होता है.
दिमाग की कसरत
एक शोध के अनुसार, लिखने की प्रक्रिया से मस्तिष्क में बेहतर तरीके से चीजें छप जाती हैं. वहीं कंप्यूटर पर काम करने से सीखने में उतनी अधिक मदद नहीं मिलती. दरअसल, लिखने में कई तरह की ज्ञानेन्द्रियां काम करती हैं. हाथ से लिखने पर मस्तिष्क मांसपेशियों और उंगलियों के पोरों से प्रतिक्रिया हासिल करता है. ऐसी प्रतिक्रिया कीबोर्ड पर टाइप करने से मिलने वाली प्रतिक्रिया के मुकाबले अधिक मजबूत होती है.
जख्म भरते हैं आसानी से
एक अध्ययन के अनुसार, विचलित करने वाले अनुभवों या फिर अपनी समस्याओं को पेपर पर लिखने से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होने के साथ ही शरीर के जख्म तेजी से भरते हैं. अध्ययन में कुछ लोगों को शामिल किया गया. सभी को अपने अच्छे-बुरे अनुभवों को लिखने के लिए कहा गया. कुछ ने दर्दनाक अनुभवों को लिखा, तो कुछ ने अगले दिन के लिए योजनाबद्ध गतिविधियों को दर्ज किया. इन सभी प्रतिभागियों की बांह पर बायोप्सी करने के जख्म थे. दो सप्ताह बाद दोनों समूहों के जख्म के ठीक होने की तुलना की गई. निष्कर्ष में यह बात सामने आई कि जिन्होंने दर्दनाक अनुभवों को लिखा था, उनकी त्वचा ऐसा नहीं करने वालों की तुलना में तीन गुना तेजी से ठीक हुई. दर्दनाक अनुभव लिखने वालों में जख्म भरने की दर 76 फीसदी देखी गई. शोधकर्ताओं के अनुसार, यह अध्ययन मस्तिष्क और शरीर के बीच के रिश्ते को दर्शाता है.
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