नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार (24 नवंबर) को कहा है कि इतिहासकारों ने भारत का इतिहास गलत तरीके से लिखा है। साथ ही उन्होंने इसके फिर से लिखने की आवश्यकता पर भी जोर दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा भारतीय संदर्भ में इतिहास को पुनः लिखने की अपील इतिहासकारों से की है।
इसके साथ ही अमित शाह ने सरकार की ओर से इस काम के लिए समर्थन का भी आश्वासन दिया है। गृह मंत्री ने दिल्ली में असम सरकार के एक समारोह में कहा कि, 'मैं इतिहास का छात्र हूं और मैंने कई दफा सुना है कि हमारे इतिहास को सही तरीके से प्रस्तुत नहीं किया गया है और उल्टा इसे विकृत कर दिया गया है। शायद यह सही है, मगर अब हमें इसे ठीक करने की आवश्यकता है।' केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा है कि 'तोड़-मरोड़' कर पेश किए गए इतिहास को सुधारकर उसे फिर से लिखने से कोई नहीं रोक सकता है और इतिहासकारों तथा विद्यार्थियों को भारत के विभिन्न हिस्सों में 150 साल से अधिक शासन करने वाले 30 साम्राज्यों और देश की स्वतंत्रता के लिए बलिदान देने वाली 300 से अधिक विभूतियों पर शोध कर असली इतिहास लिखना चाहिए।
अमित शाह ने कहा है कि, 'यदि लचित बोड़फूकन ना होते तो पूर्वोत्तर आज भारत का हिस्सा ना होता, क्योंकि उस समय उनके द्वारा लिए गए फैसलों और उनके साहस ने न सिर्फ पूर्वोत्तर बल्कि पूरे दक्षिण एशिया को धर्मांध आक्रांताओं से बचाया।' शाह ने आगे कहा कि, 'मुझे अकसर शिकायतें मिलती हैं कि हमारे इतिहास को विकृत किया गया है, उसके साथ छेड़छाड़ की गई है। यह आरोप सच भी हो सकते हैं। मगर, उन्हें सुधारने से कौन रोक रहा है? आज हमें सच्चा इतिहास लिखने से कौन रोक सकता है?'
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