नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) की वरिष्ठ नेता आतिशी ने मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) से मुलाकात की और दिल्ली में बढ़ते जल संकट का मुद्दा उठाया। इस दौरान उन्होंने यमुना नदी में अमोनिया के खतरनाक स्तर पर चिंता जताई, जो राजधानी की जल आपूर्ति को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है।
आतिशी ने कहा कि यमुना में लगातार बढ़ते प्रदूषण से दिल्ली के जल उपचार संयंत्र बंद होने के कगार पर पहुंच सकते हैं, जिससे राजधानी के लगभग 30 प्रतिशत हिस्से को पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में आतिशी ने बताया कि उनकी चर्चा यमुना नदी की मौजूदा स्थिति और दिल्ली को मिलने वाले पानी की गुणवत्ता पर केंद्रित थी। उन्होंने कहा, "हमने चुनाव आयोग को इस बात से अवगत कराया कि हरियाणा से दिल्ली में प्रवेश करने वाले यमुना के पानी में अमोनिया का स्तर बेहद खतरनाक हो चुका है। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो कई जल उपचार संयंत्र बंद करने पड़ सकते हैं और दिल्ली के 30 प्रतिशत हिस्से में पानी की आपूर्ति बाधित हो जाएगी।"
इस मुद्दे पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे एक राय नहीं, बल्कि तथ्य बताया। उन्होंने कहा, "यह राय का विषय नहीं है, यह सच्चाई है। हरियाणा के सीएम खुद अपने बयान से इसे साबित कर चुके हैं। दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ ने भी अपने पत्र में लिखा है कि हमारे जल उपचार संयंत्र केवल 1-2 पीपीएम तक अमोनिया को शुद्ध कर सकते हैं।"
आतिशी ने यह भी सुझाव दिया कि यमुना की गुणवत्ता का आकलन करने और अमोनिया के स्तर की जांच के लिए हरियाणा और दिल्ली सरकार के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा, "हम हरियाणा से दिल्ली में प्रवेश करने वाले पानी की गुणवत्ता और उसमें मौजूद अमोनिया के स्तर की जांच के लिए तैयार हैं। हमने इस संबंध में हरियाणा के सीएम और चुनाव आयोग को प्रस्ताव दिया है।"
इस बीच, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने यमुना जल को लेकर आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा। एक जनसभा में उन्होंने कहा, "अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि वह यमुना को साफ करेंगे। अब 10 साल बाद, वह और पांच साल मांग रहे हैं। चाहे वह कुछ भी कर लें, वह यमुना को साफ नहीं कर पाएंगे।"
उन्होंने आप सरकार को लेकर यह भी टिप्पणी की, "दिल्ली के लोगों ने पहले ही अपना मन बना लिया है। यह 'आप' नहीं है, बल्कि 'आपदा' है। दिल्ली के लोग अब काम चाहते हैं, झूठ नहीं।" यमुना नदी में बढ़ते प्रदूषण और दिल्ली के जल संकट पर यह तीखी बयानबाजी दोनों राज्यों के बीच विवाद को और बढ़ा सकती है। इस बीच, दिल्ली और हरियाणा की सरकारों पर समाधान निकालने का दबाव बढ़ता जा रहा है, क्योंकि राजधानी के लाखों लोगों की जल आपूर्ति दांव पर है।