आज यशोदा जयंती है। हिन्दू पंचांग के मुताबिक , प्रति वर्ष फाल्गुन कृष्ण पक्ष की षष्ठी को प्रभु श्री कृष्ण की मां यशोदा की जयंती मनाई जाती है। इसके अलावा आज के दिन विधि-विधान से पूजन करने वाले भक्तों के जीवन से पाप नष्ट होते हैं और सु्ख की प्राप्ति होती है। साथ ही भूत-प्रेतों से छुटकारा मिलता है। वही यशोदा जयंती के अवसर पर श्री कृष्ण मंदिरों में भोर से भक्तों का दर्शन व पूजन के लिए तांता लग जाता है। इसके अलावा पौराणिक कथा के अनुसार एक समय में यशोदा ने श्रीहरि की घोर तपस्या की, उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर विष्णु ने उन्हें वर मांगने को कहा।
यशोदा ने कहा हे ईश्वर! मेरी तपस्या तभी पूर्ण होगी जब आप मुझे, मेरे पुत्र रूप में प्राप्त होंगे। भगवान ने प्रसन्न हो उन्हें कहा कि आने वाले काल में मैं वासुदेव एवं देवकी के घर मैं जन्म लूंगा परन्तु मुझे मातृत्व का सुख आपसे ही प्राप्त होगा। इसके साथ ही समय के साथ ऐसा ही हुआ और कृष्ण देवकी व वासुदेव की आठवीं संतान के रूप में प्रकट हुए। इस दिन कृष्ण व यशोदा के विधिवत पूजन, व्रत व उपाय से निसंतान दंपत्ति को संतान सुख प्राप्त होता है, गृहक्लेश से मुक्ति मिलती है व संपत्ति से लाभ मिलता है।
यशोदा जयंती व्रत विधि
संपत्ति से लाभ हेतु गेहूं से भरा तांबे का कलश कृष्ण मंदिर में चढ़ाएं।
गृहक्लेश से मुक्ति हेतु यशोदा-कृष्ण पर चढ़ी मौली घर के मेन गेट पर बांधें।
गरीबों को दान-पुण्य करें। इससे जीवन में आने वाले कष्टों से मुक्ति मिलती है।
संतान सुख की प्राप्ति हेतु यशोदा-कृष्ण पर चढ़ा कोंहड़ा (कद्दू) नाभि से वारकर चौराहे पर रखें।
घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक व अोम बनाने से भूत-प्रेतों से छुटकारा मिलता है।
भगवान शिव के हर नाम का जाप करने से मिटेंगे हर संकट