जीएसटी को लेकर बीजेपी में चल रही अंदरूनी खटास कम होने का नाम नहीं ले रही है. पिछले काफी समय से बगावती रुख अपनाये हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने एक बार फिर नोटबंदी और जीएसटी को लेकर अपनी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने सरकार के इस फैसले को पूरी तरह ‘असफल’ बताते हुए कहा है कि, 'केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी लागू करने में अपने दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया.' वित्त मंत्री को घेरते हुए यशवंत ने कहा कि जीएसटी में रोज-रोज बदलाव करने से कुछ नहीं होगा, इसमें आमूल-चूल परिवर्तन करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि, 'नोटंबदी के बाद 20 लाख लोगों की नौकरी खत्म हो गई. अब सरकार नोटबंदी को सफल बताने के लिए झूठ का सहारा ले रही है' बिहार की राजधानी पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान सिन्हा ने कहा कि, "वर्तमान केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी का कबाड़ कर दिया है. इसका ढांचा इतना त्रुटिपूर्ण है कि इसमें रोज संतुलन करना पड़ रहा है. इसमें 'परिवर्तन' नहीं आमूल-चूल परिवर्तन करना होगा, इसलिए वित्तमंत्री को बदला जाना चाहिए.'यशवंत सिन्हा पीएम मोदी को भी सुझाव देने से नहीं चुके.
उन्होंने कहा, "नोटबंदी का उद्देश्य पूरा नहीं हुआ है और कोई कालाधन भी वापस नहीं आया है, बल्कि 99 फीसद करेंसी वापस आ गई है." नरेंद्र मोदी सरकार को पूरी तरह असफल बताते हुए सिन्हा ने कहा कि 'अगर जीएसटी सही है, तो इसमें लगातार बदलाव की जरूरत क्यों पड़ रही है.? समाज जब आर्थिक दृष्टिकोण से मजबूत होगा, तभी लोगों को रोजगार मिल पाएगा'.
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