'यासीन मलिक ने अपनी गन निकाली और वायुसेना अफसरों पर गोलियां चला दी..', चश्मदीद ने कोर्ट में दी गवाही

'यासीन मलिक ने अपनी गन निकाली और वायुसेना अफसरों पर गोलियां चला दी..', चश्मदीद ने कोर्ट में दी गवाही
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श्रीनगर: कट्टरपंथी संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) प्रमुख यासीन मलिक ने अपना 'फिरन' (कश्मीरी पहनावा) उठाया, अपनी रिवॉल्वर निकाली और भारतीय वायुसेना कर्मियों के एक समूह पर गोलीबारी शुरू कर दी। एक चश्मदीद ने आतंकी यासीन मलिक के खिलाफ कोर्ट में ये गवाही दी है। उसे आज गुरुवार (17 जनवरी) को विशेष सीबीआई अदालत के सामने पेश किया गया था, उसने कोर्ट को बताया है कि 25 जनवरी 1990 को श्रीनगर में क्या हुआ था। 

पूर्व IAF कॉर्पोरल राजवार उमेश्वर सिंह, जो उस आतंकी हमले में बच गए थे, जिसमें IAF के चार सैनिक शहीद हो गए थे, उन्होंने अदालत में यासीन मलिक की पहचान मुख्य बंदूकधारी के रूप में की। मलिक ने दिल्ली की तिहाड़ जेल से वीडियो के माध्यम से अदालत की सुनवाई देखी, जहां उसे 2019 से हिरासत में रखा गया है। 25 जनवरी, 1990 को श्रीनगर के बाहरी इलाके रावलपोरा में हुए इस हमले में स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना समेत 4 लोगों की हत्या के अलावा, 40 अन्य घायल हो गए थे। भारतीय वायुसेना के कर्मचारी ड्यूटी के लिए पुराने श्रीनगर हवाई क्षेत्र में अपनी पिकअप का इंतजार कर रहे थे, तभी वे आतंकवादियों की गोलीबारी की चपेट में आ गए थे। उल्लेखनीय है कि, यासीन मलिक ने खुद एक TV प्रोग्राम ने वायुसेना के जवानों को मारने की बात कबूली थी, लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस सरकार में उसे प्रधानमंत्री आवास में बुलाया गया था, जहाँ आतंकी मलिक और पीएम मनमोहन सिंह के बीच तोहफों का आदान प्रदान हुआ था । इसकी तस्वीर सामने आने पर काफी बवाल भी मचा था। उस समय कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीती करने और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई न करने का आरोप भी लगा था 

 

31 अगस्त 1990 को, मलिक और पांच अन्य व्यक्तियों के खिलाफ जम्मू में नामित टाडा अदालत में एक आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया था। मलिक के अलावा, भारतीय वायुसेना कर्मियों की हत्या के अन्य आरोपियों में  JKLF संचालक अली मोहम्मद मीर, मंजूर अहमद सोफी उर्फ मुस्तफा, जावेद अहमद मीर उर्फ 'नलका', शौकत अहमद बख्शी, जावेद अहमद जरगर और नानाजी का नाम शामिल हैं।

CBI की वरिष्ठ लोक अभियोजक मोनिका कोहली ने कहा है कि, 'यह मामले में एक महत्वपूर्ण विकास है। अभियोजन पक्ष के गवाह ने गोलीबारी के पीछे मलिक की पहचान की है।'  कोहली मलिक के खिलाफ दो प्रमुख मामलों में मुख्य अभियोजक हैं: 1989 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद का अपहरण और भारतीय वायुसेना के सैनिकों की हत्या। मलिक को प्रत्यक्षदर्शी से जिरह करने का अवसर दिया गया था, लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया और अदालत में शारीरिक उपस्थिति की पैरवी कर रहा है।

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