लखनऊ: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर के महंत और जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने नूपुर शर्मा मामले में जामा मस्जिद जाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि वे अगले जुमे (शुक्रवार) पर कुरान और इस्लाम की अन्य पुस्तकें लेकर जामा मस्जिद मस्जिद जाएँगे और वहाँ सभी मौलानाओं को इन्हें दिखाकर उनसे सर तन से जुदा करने का कारण पूछेंगे। नरसिंहानंद गिरी ने कहा कि भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा कही गई बातें उन्हीं की (मुस्लिमों की) हदीस और कुरान में लिखी हुई हैं।
नूपुर विवाद में मठाधिश्वर यति नरसिंहानंद जी की इंट्री
— राजेश सिंह (जिला संवाददाता सुदर्शन न्यूज़) (@sudarshansonbha) June 6, 2022
उनका अगले जुमे को कुरान और इस्लाम की अन्य किताबे ले कर जामा मस्जिद जाने का ऐलान.
नूपुर की कही बातों को उन्ही की हदीस और कुरान में लिखी होने का दावा जिसे वो सभी मौलाना मुफ्ती को दिखा कर उनसे सर तन से जुदा की वजह पूछेंगे।
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सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में नरसिंहानंद कह रहे हैं कि, 'लाखों लोग जामा मस्जिद में नमाज के लिए जमा होते हैं। मैं वहाँ उन लोगों को दिखाना चाहता हूँ कि जिस बात के लिए वह हम पर सर तन से जुदा का फतवा जारी करते हैं, वो तमाम बातें उनकी अपनी पुस्तकों में लिखी हुई हैं।' उन्होंने कहा है कि, 'हाल ही में जो नूपुर शर्मा के साथ किया गया, इसमें उनकी गलती नहीं है। ये भारत के कायर नेता हैं, कुछ उस बात को लेकर डर रहे हैं और कुछ बिगड़ रहे हैं। उन्हीं की वजह से आज हमारी ये दुर्दशा है। हम कुछ भी गलत या झूठ नहीं कह रहे हैं। हम तो सिर्फ वही बातें कह रहे हैं, जो इस्लामी पुस्तकों में लिखी हुई हैं। उनकी किताबें हमने तो नहीं लिखी हैं। उन्होंने अपनी किताबें खुद लिखी हैं, मुहम्मद के बारे में, इस्लाम के बारे में और कुरान के बारे में। हम जब उन बातों को कहते हैं, तो वे कहते हैं कि वे हमारा सिर कलम कर देंगे।'
उन्होंने आगे कहा कि, 'जिस प्रकार से वे पूरी दुनिया में जिहाद यानी इस्लामिक आतंकवाद फैला रहे हैं, ये उनकी पुस्तकों में लिखा है। मैं पूरे विश्व के मौलानाओं को चुनौती देता हूँ कि वे 17 जून, 2022 को दिल्ली की जामा मस्जिद में आएँ। मैं वहाँ बिल्कुल अकेला आऊँगा। सिर्फ मोबाइल, किताबें और कुछ CD लेकर आऊँगा, ताकि मैं उन्हें बता सकूँ कि उनके मौलाना क्या बोलते हैं। मैं उन्हें दिखा सकूँ कि मुस्लिम क्या बोलते हैं। उन बातों के संबंध में जिनको लेकर वो आप पर फतवा लगा रहे हैं।'
उन्होंने कहा कि, 'ऐसा लगता है कि इस देश में इस्लाम की गुलामी आ चुकी है। कोई भी इसे स्वीकार कर सकता है, मगर मैं नरसिंहानंद गिरी इसे स्वीकार नहीं करूँगा। मैं जानता हूँ कि वो मुझे वहाँ जान से मार डालेंगे, मगर इस अपमानजनक जीवन जीने से अच्छा वहाँ जाकर मर जाना है। ताकि लोगों को समझ आ सके कि नूपुर शर्मा और हम जैसे लोग सत्य बोल रहे हैं। हिंदुओं मैं तुम्हारा साथ नहीं चाहता हूँ। मैं वहाँ अकेला ही जाऊँगा। यदि मैं अकेला नहीं गया तो ये सरकारें हम पर झूठा केस लगा देंगी। मैं वहाँ शांतिपूर्वक तरीके से अपनी बात रखूँगा और उनकी बात सुनूँगा, जो भी होगा देखा जाएगा।'
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