माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने मोदी सरकार की नीतियों को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि सार्वजनिक बैंकों के बड़े कर्जदार की बड़ी राशि को सरकार बट्टे खाते में डाल रही है , जबकि किसानों के किसानों की कर्ज माफी के लिये सरकार के पास पैसा नहीं है .उन्होंने यह बात एनपीए के आंकड़ों के हवाले से कही.
बता दें कि येचुरी ने कहा कि मोदी सरकार के लिए कृषि और स्वास्थ्य क्षेत्र भी अब प्राथमिकता में नहीं रहा है. येचुरी ने रिजर्व बैंक के आंकड़ों का उल्लेख करते हुए अपने ट्वीट में कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से गत वर्ष अप्रैल से दिसंबर के बीच ली गयी 84272 करोड़ रुपये की राशि को बट्टे खाते में डाल दिया, जबकि सरकार के पास गरीब किसानों की कर्ज माफी के लिये पैसा नहीं है. सार्वजनिक बैंकों के बड़े कर्जदार दिवालिया होकर जनता का पैसा लेकर भाग रहे हैं, सरकार इनके गबन की राशि को बट्टे खाते में डाल रही है.
यही नहीं येचुरी ने स्वास्थ्य क्षेत्र की बदहाली का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार सिर्फ विज्ञापनों पर खूब खर्च कर रही है .सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना अब प्राथमिकता में नहीं रहा है. चिकित्सा क्षेत्र में बढ़ता खर्च लोगों को और गरीब बना रहा है.
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