फ्रांस : राष्ट्रपति द्वारा देशवासियों का गुस्सा शांत करने के लिए कर व भत्तों में रियायतों की घोषणा के बाद भी ‘येलो वेस्ट’ आंदोलन से जुड़े प्रदर्शनकारी शनिवार को एक बार फिर हजारों की संख्या में सड़कों पर उतरे आये। वही इन प्रदर्शनों ने अब राष्ट्रपति मैक्रों की सरकार को भी काफी मुश्किल में डाल दिया है। मैक्रों ने हाल ही में लोगों में गुस्सा होने की बात स्वीकार करते हुए पांच दिन पूर्व कर और भत्तों में छूट की घोषणा की थी, लेकिन लोगों का आक्रोश कम होता नहीं दिखाई दे रहा। चैम्प्स एलीसी में पिछले तीन शनिवार से उग्र प्रदर्शन जारी हैं, जहां लोगों ने बैरियरों को आग के हवाले कर दिया।
आपको बता दें की ईंधन कर में वृद्धि के विरोध में देश में 17 नवंबर से प्रदर्शन शुरू हुए थे लेकिन बाद में इनमें मैक्रों का व्यापार समर्थित एजेंडा और सरकार चलाने के तरीके के प्रति विरोध भी शामिल हो गया था। आंदोलन से जुड़े कई नेताओं और घोर वामपंथी अन्बोड फ्रांस पार्टी के नेताओं ने प्रदर्शनकारियों से शनिवार को दोबारा पेरिस में जमा होने की अपील की है ताकि और रियायत के लिए सरकार पर दबाव डाला जा सके।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने शुक्रवार को बताया की , ‘फ्रांस को शांति, व्यवस्था और सामान्य जनजीवन में वापस लौटने की जरूरत है।’ जानकारी के लिए बता दें की शनिवार को राजधानी पेरिस में कम से कम 8,000 पुलिसकर्मी और 14 बख्तरबंद गाड़ियां तैनात की जाएंगी। सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
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